घर में शादी की खूब रौनक और चहल-पहल थी ! सारा घर खुशी-खुशी शादी की रस्मों
रिवाजों को मनाने में लगा हुआ था ! नई बहू नव्या के साथ उसकी छ: वर्षीय भांजी इशिका
साए की तरह लगी रहती थी ! पल भर को भी नव्या से दूर रहना उसे मंज़ूर न था ! सुबह
होते ही झटपट तैयार होकर नव्या के पास आ जाती और अपनी मीठी-मीठी बातों से उसका मन
बहलाए रखती ! नए घर नए परिवेश में नव्या का भी इशिका के साथ बड़ा प्यारा सा रिश्ता
जुड़ गया था ! दोनों आपस में खूब हिल-मिल गई थीं !
आज नई बहू से पहली बार रसोई छुलवाई गई थी ! नव्या ने अपनी सासू माँ के आदेश का
पालन करते हुए सबके लिए बड़े अरमानों के साथ मूँग की दाल का हलवा बनाया था ! खूब
केसर, पिश्ते, बादाम, काजू, किशमिश डाल कर पाक कला की अपनी सारी प्रतिभा को उसने
आज इस हलवे में मिला दिया था ! इशिका रसोई में भी नव्या के आस-पास ही मंडराती रही
!
डाइनिंग टेबिल पर सब हलवे का बेसब्री के साथ इंतज़ार कर रहे थे ! सबने खूब सराह-सराह
कर हलवा खाया और नव्या को नेग में ढेर सारे नोटों से भरे हुए लिफ़ाफ़े भी मिले !
जैसे ही सासू माँ ने हलवा चखा उन्होंने नव्या को प्यार से अपने पास बुलाया और
बोलीं, “बेटा हलवा तो बहुत अच्छा बना है लेकिन इसमें चीनी कुछ ज्यादह है ! सबको
यहाँ शुगर की बीमारी है इसलिए आगे से कम शक्कर डालना !”
“नहीं माँ ! हलवे में चीनी तो बराबर है भाभी से कहिये आगे से ग्लव्ज़ पहन कर बनाएं
हलवा ! उनके हाथों की मिठास भी तो घुल गयी है इसमें !” यह चुटकी देवर सौरभ की थी !
सारा कमरा ठहाके से गूँज उठा !
इशिका अलर्ट हो गयी ! उसने
नव्या को नीचे झुका लिया और बड़े रहस्यमय अंदाज़ में उसके कान में फुसफुसा कर बोली, “मामी
आप बिलकुल मत डरना मैंने नानी की डंडा अपने कमरे में छुपा दिया है !”
नव्या हैरान थी, “क्यों इशिका ? अब नानी को चलने में परेशानी होगी ना ! तुमने डंडा
क्यों छिपाया?”
“वो मेरी दादी बुआ से रोज़ कहती हैं ठीक से खाना बनाना नहीं सीखेगी तो ससुराल में
रोज़ सास के डंडे खाने पड़ेंगे ! इसीलिये मैंने नानी का डंडा छिपा दिया !”
साधना वैद
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आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 18 दिसम्बर 2025 को लिंक की जाएगी है....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
हार्दिक धन्यवाद रवीन्द्र जी ! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार ! सादर वन्दे !
Deleteबहुत सुंदर
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