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Monday, October 13, 2025

मुक्तक




 कब आओगे साजन मन के दीप जलाऊँ

व्रत है करवा चौथ हाथ मेंहदी लगवाऊँ

सबका चाँद तो दूर गगन में चमक रहा है

अपने चंदा का दर्शन कर अर्ध्य चढ़ाऊँ !



साधना वैद

Friday, October 10, 2025

त्रिभंगी छंद

 



ओ श्यामबिहारी, शरण तिहारी
जग तज आई, सुध लो ना !

है दूर किनारा, छुटा सहारा
तन मन हारा, आओ ना !

अब किसे पुकारूँ. किसे बुलाऊँ
कौन सुनेगा, बोलो ना !

तुम सा पथ दर्शक, विघ्न विनाशक
कहाँ जगत में, सच है ना !

तू बुला तो सही, मना तो सही
आ जाउंगा, वचन दिया !

दुःख दिखा तो सही, बता तो सही
सुख लाउंगा, वचन दिया !

तू अकेली नहीं, जगत में कहीं
संग रहूँगा, वचन दिया !


गीत गा तो सही, सुना तो सही
मैं गाउंगा, वचन दिया !  



साधना वैद