विश्व कविता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !
उगता सूर्य
क्षितिज की लालिमा
भोर का गान
फूलों के हार
अगर की खुशबू
देवों का मान
उड़ते पंछी
उमड़ती नदियाँ
ढूँढें सुमीत
खिलते फूल
सुरभित पवन
गाते सुगीत
शिशु की हँसी
ममता छलकाती
माँ की मुस्कान
लिखे कविता
प्रकृति कलम से
निराली शान
भाती सभी को
अद्भुत ये कविता
हे गिरिधारी
छेड़ दो तान
बजाओ न मुरली
कृष्ण मुरारी
साधना वैद
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना
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