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Wednesday, June 19, 2019

राम तुम बन जाओगे


आओ तुमको मैं दिखाऊँ
मुट्ठियों में बंद कुछ 
लम्हे सुनहरे ,
और पढ़ लो 
वक्त के जर्जर सफों पर 
धुंध में लिपटे हुए 
किस्से अधूरे !
आओ तुमको मैं सुनाऊँ 
दर्द में डूबे हुए नगमात 
कुछ भूले हुए से,
और कुछ बेनाम रिश्ते
वर्जना की वेदियों पर
सर पटक कर आप ही
निष्प्राण हो 
टूटे हुए से !
और मैं प्रेतात्मा सी 
भटकती हूँ उम्र के 
वीरान से 
इस खण्डहर में 
कौन जाने कौन सी
उलझन में खोई,
देखती रहती हूँ 
उसकी राह 
जिसकी नज़र में 
पाई नहीं 
पहचान कोई ! 
देख लो एक बार जो 
यह भग्न मंदिर 
और इसमें प्रतिष्ठित 
यह भग्न प्रतिमा 
मुक्ति का वरदान पाकर 
छूट जाउँगी 
सकल इन बंधनों से,
राम तुम बन जाओगे 
छूकर मुझे 
और मुक्त हो जायेगी 
एक शापित अहिल्या 
छू लिया तुमने 
उसे जो प्यार से 
निज मृदुल कर से !



चित्र - गूगल से साभार 

साधना वैद

20 comments :

  1. बहुत ही सुन्दर रचना दी 👌👌
    प्रणाम

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  2. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20.6.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3372 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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  4. हार्दिक धन्यवाद ऋतु जी ! आभार आपका !

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  5. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी ! सादर वन्दे !

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  6. सादर नमन दीदी.
    आपकी यह रचना आज पाँच लिंकों का आनन्द की प्रस्तुति में सुसज्जित है तकनीकी कारणों से सूचना में बिलम्ब के लिये खेद है.

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  7. यह अत्यंत ही विशिष्ट रचना, मेरे मन को छू गई ...
    मुक्ति का वरदान पाकर
    छूट जाउँगी
    सकल इन बंधनों से,
    राम तुम बन जाओगे
    छूकर मुझे
    और मुक्त हो जायेगी
    एक शापित अहिल्या ....
    अतुलनीय लेखन हेतु साधुवाद व शुभकामनाएं ।

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  8. मन को गहरे तक छू गई ये रचना ... बहुत सुंदर

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  9. बेहद सुंदर मर्मस्पर्शी सृजन...गहन भाव लिये।👌

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  10. वाह!!साधना जी ,बेहतरीन रचना!

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  11. बहुत ही सुंदर दी ,सादर नमस्कार

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  12. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सस्नेह वन्दे !

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  13. हार्दिक धन्यवाद पुरुषोत्तम जी ! हृदय से आभार आपका !

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  14. हृदय से धन्यवाद आपका नासवा जी ! दिल से आभार !

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  15. हार्दिक धन्यवाद श्वेता जी ! आभार आपका !

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  16. हार्दिक धन्यवाद शुभा जी ! आभार आपका !

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  17. हृदय से धन्यवाद पम्मी जी ! आभार आपका !

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  18. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण कविता।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.com

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  19. हार्दिक धन्यवाद तिवारी जी ! आभार आपका !

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