
विश्व रेडियो दिवस की आप सभीको हार्दिक बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं ! 
रेडियो हमारा 
वो था रेडियो 
सच्चा साथी हमारा 
प्राणों से प्यारा 
रेडियो संग 
होती सुबह शाम  
रात हमारी 
गाने सुनते 
संग गुनगुनाते 
डूब से जाते 
खाना भूलते 
पढ़ना भी भूलते 
विश्व रेडियो दिवस की आप सभीको हार्दिक बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं ! 
वो था रेडियो 
सच्चा साथी हमारा 
प्राणों से प्यारा 
रेडियो संग 
होती सुबह शाम  
रात हमारी 
गाने सुनते 
संग गुनगुनाते 
डूब से जाते 
खाना भूलते 
पढ़ना भी भूलते 
डाँट भी खाते  
पर रेडियो !
रेडियो न छूटता 
दुलारा जो था 
वो भी आदी था 
हमारे सान्निध्य का 
गुस्सा न होता 
उमेठते थे 
जब उसके कान 
खुश होता था 
सुनाता हमें 
सारे जग की बातें 
नई पुरानी
गीत संगीत  
इतिहास भूगोल 
कला विज्ञान 
बच्चों के किस्से 
रसोई के व्यंजन 
खेती की बातें 
सिखाता हमें 
नयी से नयी विधा 
हर हुनर 
ऐसा था दोस्त 
सच्चा औ’ वफादार 
यारों का यार 
ज्ञान का पुंज 
था रेडियो हमारा 
जान से प्यारा 
साधना वैद
 
 
बहुत सुन्दर याद दिलाई रेडियो की, आजकल मोबाइल ने सब लील लिया।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद विमल जी ! सच है ! जाने कहाँ गए वो दिन !
Deleteहार्दिक धन्यवाद कामिनी जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! सप्रेम वन्दे !
ReplyDeletebahut sundar haaikoo
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद जीजी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteसुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteअहा वो रेडियो वाले दिन और वो हवामहल वाली रातें। खूबसूरत प्यारी पंक्तियाँ साधना जी
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अजय जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
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