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Monday, April 10, 2023

हाइकु संग्रह 'छलका मधु घट' - आदरणीया मिथिलेश दीक्षित जी के आशीर्वचन !

 



भूमिका
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गद्य-पद्य की विभिन्न विधाओं में लेखन रत श्रीमती साधना वैद जी की हाइकु के प्रति अभिरूचि सराहनीय है । अति संक्षिप्त काव्य रूप में अपने गहन संवेदन को व्यक्त कर देना सरल कार्य नहीं है । इसमें साधना जी को पर्याप्त सफलता मिली है । प्रस्तुत हाइकु कृति के प्राय: सभी हाइकु आपके संवेदनशील हृदय के परिचायक हैं । समाज के अनेक पक्षों और अनेक विषयों पर आपकी सूक्ष्म दृष्टि गयी है । वैयक्तिक अनुभूति के विशिष्ट क्षणों में संरचित हाइकु आपके सकारात्मक चिन्तन बोध के उत्कृष्ट उदाहरण बन गये हैं।
प्रकृति-पर्यावरण की शुद्धता के प्रति हाइकुकार अत्यन्त सचेष्ट है इसीलिए प्रकृति के अनेक उपादान अपने स्वाभाविक गुणों के साथ सार्थक प्रयोजन को अभिव्यक्त करते हुए सुन्दर-सुन्दर बिम्बों में
रुपायित हुए हैं । कुछ हाइकु देखें---
टीले के पीछे
मोहाविष्ट चाँदनी
शर्माया चाँद ।
*
अंधेरी रात
चलती रही थाम
चाँद का हाथ ।
*
उमड़े घन
प्रतिबिम्बत जल
धरा का तप ।
हमारे देश की ऋतु-व्यवस्था के अनुरूप सभी पर्व और त्यौहार आते हैं, जो प्रेम और उल्लास के प्रतीक माने जाते हैं । ये पर्व जन-मानस को
आनन्दित करते हैं और जिजीविषा उत्पन्न करते हैं । होली का एक दृश्य है---
होली का पर्व
प्रेम भरे रंगों से
खेलें सगर्व* ।
बाह्य प्रकृति के चित्रण के साथ-
साथ मानवीय सम्बन्धों पर रचे गये
हाइकु रचनाकार की भावभूमि की
गहनता को दर्शाते हैं ।आज के रिश्ते कांच की तरह छोटी-छोटी बातों पर चटकने-टूटने लगते हैं।
हल्की-सी ठेस
तोड़ जाती पल में
कांच-से रिश्ते ।
आज जगह-जगह वृद्धाश्रम खुले हुए हैं ।वृद्ध जन अपनों से ही तिरस्कृत-अपमानित हो रहे हैं । इस विसंगति पर युवा वर्ग को सचेत करता हाइकु देखें---
कर लो सेवा
जीते-जी बुजुर्गों की
मिलेगा पुण्य ।
पिता का स्नेह और भाई के हाथ में बँधा रेशम का धागा, दोनो अमूल्य हैं भारतीय बेटी के लिए । बेटी बेटे से कम नहीं होती ।
उसका कोमल स्वरूप दर्शनीय है---
सिन्धु-सा मन
पर्वत-सा हौसला
फूल-सा तन ।
इस प्रकार पारिवारिक सम्बन्धों के कोमल स्नेह तन्तु हाइकु कार के कोमल-संवेदनशील हृदय का परिचय
दे रहे हैं।
संकलन के प्राय: सभी हाइकु सहज -सरल भाषा में, कभी अभिधा
और कभी लाक्षणिक शैली में हाइकु
कार के सोद्देश्य चिन्तन को व्यक्त कर रहे हैं ।साधना जी हाइकु-गंगा
और हिन्दी हाइकु परिषद की सक्रिय सदस्य भी हैं तथा अनेक संगोष्ठी-परिचर्चा-कार्यशालाओं में भी सहभागिता कर चुकीं हैं । हाइकु-गंगा से जुड़े हुए प्राय:सभी हाइकु कारों के हाइकु संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। हमारी बहुत इच्छा थी कि साधना जी का भी संकलन प्रकाशित हो जाये । बहुत प्रसन्नता का विषय है कि यह कार्य इसी वर्ष पूर्ण हुआ है । उनको बहुत-बहुत बधाई और अनन्त मंगलकामनाएँ !
मिथिलेश दीक्षित
अध्यक्ष-हिन्दी हाइकु परिषद
सम्पादक-हाइकु लोक
जी-91सी, संजय गान्धी पुरम
लखनऊ-226016(उ. प्र. )
Mithileshdixit01@gmail.com

'छलका मधु घट' अमेज़न पर इसलिंक पर उपलब्ध है !
साधना वैद

2 comments :

  1. सुन्दर हाइकु

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    1. हार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! आपका बहुत बहुत आभार !

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