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Sunday, October 13, 2024

मेरा फैसला – लघुकथा

 





आज कक्षा में टीचर बहुत खुश दिखाई दे रही थीं | उन्होंने इशारा करके रोहित को खड़ा किया |

“रोहित, तुम अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद क्या बनना चाहते हो ?”

“जी टीचर, मैं डॉक्टर बन कर दीन दुखियों और निर्धन रोगियों का मुफ्त में उपचार कर मानवता की सेवा करना चाहता हूँ |”

“शाबाश ! और आकाश तुम ?”

“टीचर, मैं पायलट बनना चाहता हूँ और देश विदेश के सभी प्रसिद्ध स्थानों को देखना चाहता हूँ |”

इसी तरह, कोई जज, कोई वकील, कोई इंजीनियर, कोई स्पेस साइंटिस्ट, कोई कलाकार तो कोई अध्यापक बनना चाहता था और सबके पास अपने सबल तर्क भी थे जो उनकी महत्वाकांक्षा का समर्थन कर रहे थे | टीचर बहुत खुश हो रही थीं अपने विद्यार्थियों की खूबसूरत सपनों की उड़ान और उनकी सुलझी हुई सोच को देख कर |

अंत में बारी आई देवांश की | टीचर ने उससे भी यही सवाल किया |
“टीचर, मैं साधू बाबा बनना चाहता हूँ |”

टीचर के साथ सारे बच्चे हैरान थे !

“और भला तुम साधू बाबा क्यों बनना चाहते हो बताओगे |” टीचर ने पूछा |

“टीचर, सबसे बड़ा फ़ायदा तो साधू बाबा बनने में ही है | कहीं कोई डिग्री नहीं दिखानी पड़ती, कोई एंट्रेंस इम्तहान पास नहीं करना पड़ता, किसी को रिश्वत नहीं देनी पड़ती | बस किराए के कपड़े पहन कर, दो चार बढ़िया बढ़िया भजन याद कर कीर्तन और सत्संग के नाम पर थोड़ी सी भीड़ जुटा लो एक दो बार, आपके तो समर्थक बढ़ते ही जायेंगे | पुराने संतों के उपदेशों को सुन कर चार छ: दमदार डायलॉग्स याद कर लो | इस धंधे में बड़ी इज्ज़त मिलती है | आप चाहे तीस बरस के भी न हों बड़े बूढ़े बुज़ुर्ग भक्त आपके चरणों में लोट लगाने को तैयार रहते हैं | भेंट पूजा उपहार में इतने फल फ्रूट मेवा मिठाई और तरह तरह के व्यंजन आते हैं कि कितना भी खाओ खिलाओ ख़त्म ही नहीं होते | दान पेटी हर समय रुपयों से भरी रहती है और बिन माँगे पुलिस प्रशासन आपकी सेवा सुरक्षा में लगा रहता है | बड़े बड़े नेता आपके आगे सर झुकाते हैं और हर समाचार पत्र में, टी वी के हर चैनल पर आपके ही इंटरव्यू आते रहते हैं | इसके अलावा लोग हज़ारों रुपयों के टिकिट खरीद कर आपकी सभा में आने के लिए हफ़्तों पहले से बुकिंग कराते हैं | जितना पैसा ये जीवन भर नौकरी करके नहीं कमा पायेंगे उससे कहीं अधिक मेरे पास बिना कुछ करे धरे एक सभा में आ जाएगा ! इंसान को इससे ज़्यादह और क्या चाहिए | बताइये टीचर मेरा फ़ैसला इन सबसे बढ़िया है या नहीं ?”  


चित्र - गूगल से साभार 


साधना वैद

 


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