मनाने लगे
परिवार दिवस
अजब युग
यह तो जुड़ा
अभिन्न रूप से ही
हमारे साथ
कैसी कल्पना
अपने अस्तित्व की
बिन माँ बाप
कैसा शैशव
बिन परिवार के
बच्चा अनाथ
जीवन वृक्ष
जड़ है परिवार
रिश्ते शाखाएं
बच्चे सलोने
फल फूल पत्तियाँ
रिश्ते निभाएं
मदिर गंध
जीवन सुगंधित
परिवार से
मधुर गीत
जीवन है संगीत
परिवार से ।
साधना वैद
भाव पूर्ण हाइकू
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद जीजी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteडोरी नेह की
ReplyDeleteसंबंध बेल बाँधे
परिवार में।
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सुंदर.अभिव्यक्ति।
सादर।
हार्दिक धन्यवाद श्वेता जी ! बहुत बहुत आभार अपका !
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