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Sunday, May 26, 2019

छोटी सी दुनिया




थी वो छोटी सी दुनिया
गिने चुने थोड़े से लोग
चिर परिचित से जाने पहचाने चहरे
बेहद प्यारे बेहद अज़ीज़
कोई चन्दा कोई सूरज
तो कोई ध्रुव तारा
जैसे सारा आकाश हमारा
जब दिल भर आता
किसीके भी सामने
दुःख की गगरी खाली कर दी
और अतुल्य प्रेम के अमृत से
लबालब भर लाये उसे
जीवन जीने की एक
नयी शुरुआत करने के लिए
ऐसे थे रिश्ते ऐसा था नेह हमारा
जैसे सारा संसार हमारा !
अब इतनी बड़ी दुनिया
ना ओर न छोर बस शोर ही शोर
आसपास लोगों की भीड़ ही भीड़
जाने कितने गड्ड मड्ड होते चेेहरे
एकदम भावहीन, सपाट और बेगाने 
सब अपरिचित, अनचीन्हे, अनजाने
कोई किसीकी बात नहीं सुनता
अपने ही अंतर के शोर से जैसे
सबके कान सुन्न हो गए हैं !
प्रदूषण की मटियाली आँधी में
न चाँद दिखता है ना सूरज
ना कोई ध्रुव तारा
दूर हो गया हमसे आकाश हमारा
रिश्ते बिखर गए
प्रेम विटप मुरझा गया
अपनी वेदना की शिला
अपने ही गले से बाँधे
डूब रहे हैं हम दुःख की
अतल गहराइयों में
जहाँ कोई नहीं है हमारा
छिन गया है हमसे
वो बेहद प्यारा संसार हमारा !  



चित्र - गूगल से साभार

साधना वैद

17 comments :

  1. शुभ प्रभात दीदी
    वो छोटी सी दुनिया
    गिने चुने थोड़े से लोग
    बेहतरीन रचना..
    सादर नमन..

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार मई 28, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (28-05-2019) को "प्रतिपल उठती-गिरती साँसें" (चर्चा अंक- 3349) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. हार्दिक धन्यवाद आपका दिग्विजय जी ! आभारी हूँ !

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  5. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! मेरा स्नेहसिक्त वंदन स्वीकार करें !

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  6. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

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  7. प्रेम विटप मुरझा गया
    अपनी वेदना की शिला
    अपने ही गले से बाँधे
    डूब रहे हैं हम दुःख की
    अतल गहराइयों में
    बहुत सुंदर संदेश देती लाज़बाब रचना ,सादर नमस्कार साधना जी

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  8. हार्दिक धन्यवाद संजय ! आभार आपका !

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  9. हार्दिक धन्यवाद कामिनी जी ! आभार आपका !

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  10. बहुत सुन्दर सृजन ।

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  11. This comment has been removed by the author.

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  12. हार्दिक धन्यवाद मीना जी ! आभार आपका !

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  13. बहुत ही सुन्दर रचना दी जी
    सादर

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  14. बेहतरीन प्रस्तुति साधना जी

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  15. हार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी ! आभार आपका !

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