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Friday, August 27, 2021

गोल्डन चांस

 


हमारे देश की कई दुखी आत्माओं के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है ! दुनिया में इसी ज़मीन पर एक और जन्नत का अवतरण हुआ है ! एक और नितांत पाक साफ़ देश अस्तित्व में आ गया है जहाँ सारे कायदे क़ानून शरीया के लागू होते हैं, तीन तलाक पर कोई पाबंदी नहीं है, चार चार निकाह को जायज़ माना जाता है ! न परिवार नियोजन का कोई झंझट है न उदारवादिता के नाम पर खातूनों को फ़िज़ूल की आज़ादी दी जाती है ! समाज बिलकुल पाक साफ़ रहे और उसमें कोई अनुशासनहीनता न आने पाए इसके लिए को - एजूकेशन पर ही पाबंदी लगा दी गयी है ! जीवन भी तो देखिये कितना आसान और सस्ता है ! पेट्रोल सिर्फ पचास रुपये लीटर है, बीफ खाने पर भी कोई रोक नहीं है, फल फ्रूट मेवों के बाग़ ही बाग़ हैं ! जन्नत और किसे कहते हैं ! और फिर ऐसा सुअवसर और कब मिलेगा ! इन दिनों रोज़ खाली जहाज़ इस जन्नत में जा रहे हैं और वहाँ से भर भर कर भारतीय मूल के लोगों को वापिस स्वदेश ला रहे हैं ! मेरी गुज़ारिश उन सभी भाई बहनों से है जो इस मुल्क में खुद को असुरक्षित और असहज मानते हैं, जिन्हें लगता है उनके धार्मिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है और उन्हें उनके धर्म के अनुसार नहीं रहने दिया जा रहा है वे इस गोल्डन चांस का फ़ायदा ज़रूर उठायें क्योंकि जीवन में ऐसे शानदार मौके बार बार नहीं आते ! 


साधना वैद

14 comments :

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-8-21) को "बाँसुरी कान्हां की"(चर्चा अंक- 4171) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा


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    1. आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !

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  2. गंभीर , चिंतनीय विचारणीय आलेख ।

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    1. हार्दिक धन्यवाद और बहुत बहुत आभार आपका दीपक जी !

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    1. हार्दिक धन्यवाद उषा जी ! आपको आलेख पसंद आया मेरा लिखना सफल हुआ !

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  4. सही कहा जो यहाँ खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं वो अफगानिस्तान वहाँ तो सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबन्द है।

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    1. आपने आलेख के मर्म को समझा दिल से आभार आपका प्रीति जी !

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  5. गहन चिंतन को प्रेरित करता लेखन...

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    1. हार्दिक धन्यवाद आपका संदीप जी ! बहुत बहुत आभार !

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  6. सही एवं सटीक व्यंग्य, पर लोग बदनाम भी भारत को करेंगे और रहेंगे भी भारत में ही।

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    1. यही तो विडम्बना है मीना जी ! जहाँ सबसे अधिक सुख से हैं वहीं पर सारा आक्रोश उतारते हैं ! बहुत दुःख होता है देख कर ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

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  7. उम्दा सारगर्भित लेख |

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    1. हार्दिक धन्यवाद जी ! बहुत बहुत आभार !

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