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Friday, April 18, 2025

वर्ण पिरामिड

 




क्या 

जानें 

आओगे 

भुलाओगे

कौन बताये 

किस्मत हमारी   

फितरत तुम्हारी ! 


है 

पता 

मुझे भी 

आसाँ नहीं 

दुःख भुलाना 

पर करें भी क्या 

ज़ालिम है ज़माना 


हे 

प्रभु

आशीष 

देना हमें  

न चाहें सुख 

कर्तव्य पथ से 

न हों कभी विमुख 


ये 

फूल 

खिलते 

महकते 

मुस्कुराते हैं 

हमें सुखी कर 

भू पे बिछ जाते हैं ! 


साधना वैद 

6 comments :

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 20 अप्रैल 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे !

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  2. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति

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    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  3. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद गगन जी ! आभार आपका !

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