Followers

Thursday, May 15, 2025

न किस्से ये होते न अफ़साने होते

 




न किस्से ये होते न अफ़साने होते 

जहां में जो हमसे मुसव्विर न होते 

न खिलती ये कलियाँ न उड़ते परिंदे 

जो गुलशन में तुमसे मुतासिर न होते ! 


चित्र - गूगल से साभार 

साधना वैद 

2 comments :

  1. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद प्रिया जी ! आभार आपका !

      Delete