आज हम एक ऐसी समस्या पर परिचर्चा करने जा रहे हैं जिससे हम सभी प्रतिदिन जूझते हैं और सड़कों के ट्रैफिक
से हैरान परेशान थके माँदे शाम को जब घर पहुँचते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कोई जंग लड़ कर
आये हैं ! न मन में उत्साह बाकी रहता है न ही खुशी ! सड़कों पर यातायात बढ़ने के
अनेक कारण हैं ! सिलसिलेवार अगर हम इनका विश्लेषण करें तो कई बातें सामने निकल कर
आएँगी ! आज से पचास साठ साल पुराने समय में ही हम लौट जाएं तो पायेंगे कि उन दिनों
लोगों के पास आवागमन के लिए प्राय: साइकिल हुआ करती थी वह भी कार्यालय जाने वाले
मर्दों के लिए ! बच्चे या महिलाएं तो अक्सर पैदल ही चले जाया करते थे स्कूल या
बाज़ार हाट के लिए ! शहर में कारें गिने चुने धनाढ्य लोगों के पास हुआ करती थीं !
हमारे शहर या गाँव की सड़कें भी उसी यातायात के अनुकूल होती थीं पतली और सँकरी !
फिर स्कूटर और मोटर साइकिलों का ज़माना आ गया ! लोगों को रफ़्तार भी चाहिए थी और
स्कूल कॉलेज की दूरियाँ भी बढ़ गयी थीं ! जनसंख्या का दबाव बढ़ा तो उन्हीं घरों में
अतिक्रमण होने लगा और सड़कें घेर कर घर और दूकानें बढ़ा दी गईं ! लोगों की आमदनी
बढीं तो जीवनस्तर भी बढ़ा ! अब स्कूटर, मोटर साइकिलें
छात्रों के मतलब की रह गईं और वयस्क लोगों को कारें पसंद आने लगीं ! शहर वही रहा !
सड़कें वही रहीं लेकिन आवागमन के साधनों का साइज़ बढ़ गया परिणाम यह हुआ कि सडकों पर
ट्रेफिक जाम होना आम बात हो गयी ! शहरों में नई कॉलोनीज़ भी बनीं. सड़कें भी चौड़ी की
गईं लेकिन कारों की संख्या हर घर में बढ़ने लगी ! अब तो यह आलम है कि कई घरों में
हर सदस्य के पास अपनी अलग कार है ! जिन घरों में साइकिल रखने की जगह नहीं थी उनके
यहाँ कारें आ गईं ! घर में तो गैरेज बनाने की जगह नहीं है इसलिए कारें सड़कों पर पार्क
होने लगीं और सड़क घेरने लगीं ! सड़कें पहले से भी पतली हो गईं ! यातायात में तो
असुविधा होना लाज़मी है !
दूसरा बड़ा कारण है कि सड़क पर मिला जुला ट्रेफिक
चलता है ! कायदे की व्यवस्था नहीं है ! एक ही सड़क पर कार, सिटी बस, स्कूटर, मोटर साइकिल, ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा, और पैदल चलने वाले, सभी एक साथ चलते हैं ! इसीलिये दुर्घटनाएं आम बात हो चुकी हैं और इनकी वजह से
सड़कों पर बड़ी अफरा तफरी मची रहती है !
लोग ट्रेफिक नियमों के बारे में जागरूक नहीं
हैं ! अपने आगे निकलने की होड़ में कहीं से भी घुस कर आगे निकलना चाहते हैं ! लोगों
को ओवरटेक किस तरफ से करना चाहिए इसकी जानकारी नहीं है ! पैदल चलने वालों को
जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार करनी चाहिए यह ठीक से नहीं पता है ! अगर पता है भी तो
वे दूर होने की वजह से चाहे जहाँ से सड़क पार करने लगते हैं और आवागमन बाधित होता
है !
इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को स्वयं ही
जागरूक होना पड़ेगा तब ही कुछ हल निकलेगा ! सड़कों को पार्किंग के लिए न घेरें !
थोड़ी ही दूर जाना हो तो चौपहिया वाहनों का प्रयोग न करें ! घरों और दूकानों को आगे
बढ़ा कर सड़कों पर अतिक्रमण न करें ! यातायात के नियमों का पालन करें और पड़ोसी धर्म
निभा कर अगर एक ही स्थान पर जाना हो तो निजी वाहनों का प्रयोग न करके एक दूसरे के
साथ चले जाएं ! इससे कुछ फर्क तो ज़रूर ही पड़ेगा !
साधना वैद
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