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Friday, October 10, 2025

त्रिभंगी छंद

 



ओ श्यामबिहारी, शरण तिहारी
जग तज आई, सुध लो ना !

है दूर किनारा, छुटा सहारा
तन मन हारा, आओ ना !

अब किसे पुकारूँ. किसे बुलाऊँ
कौन सुनेगा, बोलो ना !

तुम सा पथ दर्शक, विघ्न विनाशक
कहाँ जगत में, सच है ना !

तू बुला तो सही, मना तो सही
आ जाउंगा, वचन दिया !

दुःख दिखा तो सही, बता तो सही
सुख लाउंगा, वचन दिया !

तू अकेली नहीं, जगत में कहीं
संग रहूँगा, वचन दिया !


गीत गा तो सही, सुना तो सही
मैं गाउंगा, वचन दिया !  



साधना वैद

1 comment :

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 12 अक्टूबर 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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