ओ श्यामबिहारी,
शरण तिहारी
जग तज आई, सुध लो ना !
है दूर किनारा,
छुटा सहारा
तन मन हारा, आओ ना !
अब किसे
पुकारूँ. किसे बुलाऊँ
कौन सुनेगा, बोलो ना !
तुम सा पथ
दर्शक, विघ्न विनाशक
कहाँ जगत में, सच है ना !
तू बुला तो
सही, मना तो सही
आ जाउंगा, वचन दिया !
दुःख दिखा तो
सही, बता तो सही
सुख लाउंगा, वचन दिया !
तू अकेली नहीं,
जगत में कहीं
संग रहूँगा, वचन दिया !
गीत गा तो सही, सुना तो सही
मैं गाउंगा, वचन दिया !
मैं गाउंगा, वचन दिया !
साधना वैद
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 12 अक्टूबर 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
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