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Friday, December 12, 2025

 




छाया कोहरा !

घर में घुसा रवि

छिपा कर चेहरा !


ठण्ड की रात

भारी अलाव पर

छाया घना कोहरा !


सीली लकड़ी

बुझ गया अलाव

जल उठा नसीब !


आज भी ‘हल्कू’

बिताते सड़क पे

पूस की ठण्डी रात


कहाँ बदला 

नसीब किसानों का 

स्वतन्त्रता के बाद !


साधना वैद 




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