प्रशांत और श्रेयस
मेरे छोटे से पोते प्रशांत की यह आकांक्षा है कि वह अपने पापा जैसा बनना चाहता है ! उसकी इच्छा को मैंने यहाँ शब्द देने का प्रयास किया है !
दादी मुझको पापा जैसा बनना है !
मेरे पापा कितने अच्छे जब वो घर में आते हैं,
कितने सारे खेल खिलौने, टॉफ़ी बिस्किट लाते हैं,
आते ही गोदी ले लेते मुझसे लाड़ लड़ाते हैं,
मेरी सारी बातें सुन कर कितना खुश हो जाते हैं !
'लव यू बेटा', 'लव यू जानू' पापा से ही सुनना है !
दादी मुझको पापा जैसा बनना है !
मम्मी जब गुस्सा करती हैं उनसे भी भिड़ जाते हैं,
कान पकड़ कर भैया का वो उसको भी धमकाते हैं,
कंधे पर बैठा कर मुझको घर की सैर कराते हैं,
जब भी मेरा मन करता है घोड़ा भी बन जाते हैं !
मेरे पापा सबसे अच्छे सबसे मेरा कहना है
दादी मुझको पापा जैसा बनना है !
होमवर्क की झंझट से पापा ही जान बचाते हैं,
चंदा, तारे, धरती, सागर सबकी बात बताते हैं,
हम सबको मेले ले जाकर झूला खूब झुलाते हैं,
दुनिया भर की सारी बातें वो ही तो बतलाते हैं,
मुझको तो पापा के जैसा ज्ञानवान ही बनना है !
दादी मुझको पापा जैसा बनना है !
पापा जब ऑफिस जाते हैं कितने अच्छे लगते हैं,
उन पर सब कपड़े फबते हैं कितने 'डैशिंग' लगते हैं,
लैप टॉप, मोबाइल लेकर जब गाड़ी में चढ़ते हैं,
मुझको हर हीरो से बढ़ कर अपने पापा लगते हैं,
उनके जैसा और न कोई मुझको वैसा बनना है !
दादी मुझको पापा जैसा बनना है !
प्रशांत की इच्छा !
साधना वैद
मम्मी पापा तो बच्चों के आदर्श होते ही हैं .. आपने उनकी भावनाओं को बहुत सुंदर अभिव्यक्ति दी है!!
ReplyDeleteबढ़िया बच्चों की कविता.
ReplyDeleteतस्वीर भी बेहतरीन फिक्स हो गई है. बधाई.
ReplyDeletemujhe to mummy jaisa banna hai... :)
ReplyDeletereally good and inspiration for children.
बहुत बढिया. .
ReplyDeleteपापा के आदर्शों को इस बहाने बच्चे जानेंगे तो
कविता पढ़ कर बहुत मजा आया | भई अब तो उन
ReplyDeleteदौनों से मिलने का बहुत मन हो रहा है |
आशा
पहले तो दो शरारती और प्यारे बच्चों के चेहरे से नज़रें हटाने को तैयार ही नहीं...कि कविता पढूँ :)
ReplyDeleteकविता पढ़कर और मन खुश हो गया...एकदम गाने लायक कविता....उनकी भावनाओं को सुन्दर शब्दों में बाँधा है.
प्यारे प्यारे बच्चों कि प्यारी बैटन को सुन्दर काव्य रूप दिया है...बहुत बढ़िया
ReplyDeleteAAPNE ITNI SUNDER RACHNA PRASTUT KI HAI KI MUJHE TO JAISE KANO ME PRASHANT KI AWAZ GUNZ RAHI HE.
ReplyDeleteHAR BACCHA CHAHE VO LADKI HO YA LADKA SAB APNE PAPA KO IDEAL ROOP ME HI DEKHTE HAIN.