इस रक्षा बंधन पर विशेष !
प्यारे रहीम,
तुम्हारे खत का मजमून पढ़ कर
दुःख तो मुझे भी होता है,
समाज में अविश्वास और नफरत की जैसी आँधी आई है
उसे देख दिल मेरा भी बहुत रोता है !
पर क्या करूँ मेरे दोस्त
जब विश्वास बार-बार छला जाता है
तो शक हर एक की आँखों से बयाँ होता है,
और सामने से गुजरने वाले हर शख्स पर
बेवजह गुनहगार होने का गुमाँ होता है !
मैं जानता हूँ कभी-कभी सच की कसौटी पर
झूठ भी जीत जाता है
और गेहूँ के साथ-साथ अक्सर
बेगुनाह घुन भी पिस जाता है !
भय और असुरक्षा के इस आलम में
इंसान अपनी परछाईं से भी डरने लगता है
और अतिरिक्त सावधानी बरतने की धुन में
छाछ को भी फूँक-फूँक कर पीने लगता है !
आज रक्षा-बंधन का त्यौहार है
मेरी दीदी ने भारत की
हर बहन की तरफ से
यह राखी तुम्हें भिजवाई है,
और तुम उसकी और अपनी जन्म-भूमि की
जी जान से रक्षा करोगे
यह आस तुमसे लगाई है !
ठीक वैसे ही जैसे कर्णवती ने हुमांयू को
राखी भेज कर रक्षा की गुहार लगाई थी
और हुमांयू ने भी जी जान से अपनी बहन के
मान और सम्मान की लाज बचाई थी !
आज दीदी के साथ-साथ भारत की हर बहन
तुमसे अपने घर की सुख शान्ति का उपहार माँगती है
और तुम और तुम जैसे हज़ारों रहीम
ऐसा करना चाहते हो वह यह भी जानती है !
जिनके गलत कारनामों ने
तुम्हारी साख पर बट्टा लगाया है
तुम कभी उन्हें कामयाब नहीं होने दोगे
यह हलफ आज तुम अपनी
बहनों के लिये उठा लो
और हुमांयू की तरह तुम भी
एक सच्चे, नेक और दर्दमंद
भाई होने का फ़र्ज़ निभा लो !
किसी और पर ना टाल कर तुम खुद
जो यह काम करोगे तो बड़ा सबाब होगा
और इस मातृ भूमि का क़र्ज़ तभी अदा हो पायेगा
जब हर गद्दार विभीषण का चेहरा बेनकाब होगा !
मेरा प्यार तुम्हारे लिये अक्षुण्ण है रहीम
यह कभी कम नहीं होगा ,
लेकिन जब देश हित की बात आती है
तो इसे कुर्बान करने में भी
मुझे कभी गम नहीं होगा !
तुम्हारा राम
साधना वैद
बहुत भावपूर्ण एवं गहन अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteरक्षा बंधन की शुभकामनाएँ.
बहुत सुंदर भावो से भरी रक्षा बंधन विशेष ये रचना बहुत अच्छी लगी.
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाएं स्वीकारें.
सुंदर अभिव्यक्ति .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteभावात्मक अभिव्यत्ति शूट अच्छी रचना |
ReplyDeleteआशा
रहीम और राम के माध्यम से सटीक बात कही है ...बहुत भावपूर्ण और सन्देश देती रचना ...
ReplyDeleteरक्षाबंधन की शुभकामनायें
बहुत पसन्द आया
ReplyDeleteहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
यह हलफ आज तुम अपनी
ReplyDeleteबहनों के लिये उठा लो
और हुमांयू की तरह तुम भी
एक सच्चे, नेक और दर्दमंद
भाई होने का फ़र्ज़ निभा लो !
बहुत ही सशक्त और गहन सन्देश छुपा है इन पंक्तियों में....बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति
भावात्मक अभिव्यत्ति ...
ReplyDeleteमेरे भैया .....रानीविशाल
रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाए !!
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना । काश रहीम जैसे भाई और भी हों ।
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बहुत बढ़िया बिम्ब है
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