आप सभीको विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
हाइकु शैली में राम कथा - कब आओगे राम
सतयुगी आदर्श
पूज्य आज भी
करता जग
हृदय से वन्दना
राम राज्य की !
न पाया सुख
सम्पूर्ण जीवन में
राजा राम ने
गले लगाया
वानप्रस्थी जीवन
युवा राम ने
धार के वेश
औघड़ सन्यासी सा
छोड़ा महल
मूँद ली आँखें
राजसी वैभव से
लगा न पल
कौल पिता का
भटके जंगलों में
सन्यासी राम
निभाते रहे
वादा दशरथ का
वैरागी राम
चले साथ में
सीता और लक्ष्मण
राम के संग
देख दृष्टांत
प्रेम और त्याग का
जग था दंग
विनाशे विघ्न
निर्भय ऋषी मुनि
वन महके
खिली प्रकृति
हर्षित वनचर
पंछी चहके
फैलाई माया
मोहान्ध सूर्पनखा
मुग्ध राम पे
लक्ष्मण पास
पठाई सूर्पनखा
भैया राम ने !
काट दी नाक
कुपित लक्ष्मण ने
अनर्थ हुआ
बदला लेने
रावण ने सीता का
हरण किया
हर ली सीता
क्रोधित रावण ने
बिलखे राम
जलने लगी
प्रतिशोध की आग
छिड़ा संग्राम
एकत्रित की
सेना शूरवीरों की
वीर राम ने
दिखाई शक्ति
वानर सेना संग
हनुमान ने
जला दी लंका
हार गया रावण
वैदेही आईं
मिली विजय
विजया दशमी को
खुशियाँ छाईं
था धर्मयुद्ध
जीत हुई धर्म की
अधर्म हारा
विजय मिली
विनाशा बुराई को
असत्य हारा
हुआ सुखान्त
राम की कहानी का
उल्लास छाया
लौटे अयोध्या
मनाई दीपावली
जग हर्षाया
राम हमारी
करबद्ध विनती
सुन पाओगे
शीश काटने
आज के रावण का
कब आओगे ?
मर्यादा धनी
पुरुषोत्तम राम
कथा तुम्हारी
बनी हुई है
युग युगांतर से
शक्ति हमारी
साधना वैद
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (२६-१०-२०२०) को 'मंसूर कबीर सरीखे सब सूली पे चढ़ाए जाते हैं' (चर्चा अंक- ३८६६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
बहुत सुंदर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सधु चन्द्र जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteराम हमारी
ReplyDeleteकरबद्ध विनती
सुन पाओगे
शीश काटने
आज के रावण का
कब आओगे ?
वाह!!!
लाजवाब सृजन।
हार्दिक धन्यवाद सुधा जी ! हृदय से आभार आपका !
Deleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
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