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Friday, October 9, 2020

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !



नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

स्वर्ण किरण के तारों से नित बुनी सुनहरी धूप की चादर

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

 

शेष हुआ साम्राज्य तिमिर का संसृति में छाया उजियारा

भोर हुई चहके पंछी गण मुखरित हुआ तपोवन सारा

लुप्त हुए चन्दा तारे सब सुन तेरे अश्वों की आहट

जाल समेट रुपहला अपना लौट चला नि:शब्द सुधाकर ! 

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

 

स्वर्णरेख चमकी प्राची में दूर क्षितिज छाई अरुणाई

वन उपवन में फूल फूल पर मुग्ध मगन आई तरुणाई

पिघल पिघल पर्वत शिखरों से बहने लगी सुनहली धारा

हो कृतज्ञ करबद्ध प्रकृति भी करती है सत्कार दिवाकर !

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

 

जगती के कोने कोने में भर देते आलोक सुनहरा

पुलक उठी वसुधा पाते ही परस तुम्हारा प्रीति से भरा

झूम उठीं कंचन सी फसलें खेतों में छाई हरियाली

आलिंगन कर कनक किरण का करता अभिवादन रत्नाकर !

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

 

चित्रकार न कोई तुमसा इस धरिणी पर उदित हुआ है 

निश्चल निष्प्राणों को गति दी निज किरणों से जिसे छुआ है  

सँवर उठा वसुधा का अंग-अंग सुरभित सुमनों की शोभा से

इन्द्रधनुष की न्यारी सुषमा से पुलकित हर प्राण प्रभाकर !  

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

 

स्वर्ण किरण के तारों से नित बुनी सुनहरी धूप की चादर !

नमन तुम्हें हे भुवन भास्कर !

 


चित्र - गूगल से साभार 

साधना वैद

 


16 comments :

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 10 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कुलदीप जी ! सादर वन्दे !

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  3. उत्कृष्ट रचना

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    1. हार्दिक धन्यवाद साधू चन्द्र जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (11-10-2020) को     "बिन आँखों के जग सूना है"   (चर्चा अंक-3851)     पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --   
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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  5. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद शिवम् जी ! बहुत बहुत आभार !

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  6. जीवन का सारा वैभव सूर्य से ही है -कृतज्ञ है हम उसके.

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    1. हार्दिक धन्यवाद प्रतिभा दीदी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  7. बहुत ही सुंदर रचना साधना जी

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    1. हार्दिक धन्यवाद सवाई सिंह जी ! स्वागत है ! बहुत बहुत आभार !

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  8. हार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  9. हार्दिक बधाई साधना भाव पूर्ण रचना के लिए |

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    1. हार्दिक धन्यवाद जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  10. इसके बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती !

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    1. जी बिलकुल गगन जी ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !

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