Followers

Saturday, January 23, 2021

जौहर


रणक्षेत्र से बराबर चिंताजनक समाचार आ रहे थे ! महारानी अपनी परिचारिकाओं के साथ आकुल व्याकुल हरकारे के संदेशों की प्रतीक्षा कर रही थीं ! राणा सवाई सिंह जी का कोई समाचार नहीं मिला था ! बहादुर और साहसी रानी अपनी मातृभूमि के लिए, अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देने के लिए तत्पर थीं ! जानती थीं कि यदि रणभूमि में पराजय हो जाती है तो जौहर की तैयारी करनी होगी ! लेकिन वे अभी से जौहर की चर्चा करके सबका मनोबल तोड़ना नहीं चाहती थीं ! जब तक कोई निश्चित समाचार नहीं मिल जाता उन्होंने मौन रहना ही उचित समझा ! 

पिछले युद्धों के अनेकों हृदयविदारक अनुभवों की स्मृतियाँ उन्हें विचलित कर रही थीं जब आतताई मुग़ल सैनिकों ने युद्ध जीतने के बाद हमारे देश के शूरवीर सेनानियों के घर की स्त्रियों के साथ कितना बर्बर और नृशंस व्यवहार किया था ! रानी की आँखों में ज्वाला सुलग उठी थी ! दृढ़ संकल्प से उनका मुखमंडल प्रदीप्त हो चुका था ! 

तभी राणा जी का क्षत विक्षत शरीर साथ में लिए हुए तीव्रगति से घुड़सवार ने महल के प्रांगण में प्रवेश किया ! महारानी ने एक पल भी गँवाए बिना उच्च स्वर में आदेश दिया ! 

“जौहर की अग्नि प्रज्जवलित की जाये !” 

राणा जी के शव को बाहों में घेरे सर्वप्रथम महारानी ने अग्नि में प्रवेश किया  ! अगले ही पल महल में उपस्थित सारी स्त्रियाँ उस विकराल अग्नि में  प्रवेश कर चुकी थीं ! 


साधना वैद 

5 comments :

  1. आदरणीय / प्रिय,
    मेरे ब्लॉग "Varsha Singh" में आपका स्वागत है। मेरी पोस्ट दिनांक 24.01.2021 "गणतंत्र दिवस और काव्य के विविध रंग" में आपका काव्य भी शामिल हैं-

    httpp://varshasingh1.blogspot.com/2021/01/blog-post_24.html?m=0

    गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाओं सहित,
    सादर,
    - डॉ. वर्षा सिंह

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका वर्षा जी ! हृदय से धन्यवाद !

      Delete
  2. बहुत सुन्दर।
    कभी दूसरों के ब्लॉग पर भी कमेंट किया करो।
    राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई हो।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी ! व्यस्तता ने जीवन बड़ा मुश्किल बना दिया है ! कोशिश करती हूँ कई बार लेकिन हमेशा चूक जाती हूँ ! आपका बहुत बहुत आभार !

      Delete
  3. प्रभावशाली वर्णन

    ReplyDelete