मातृदिवस पर संसार की हर माँ एवं हर संतान के लिये हार्दिक शुभकामनायें !
माँ का आँचल
जीवन की धूप में
जीवन की धूप में
जैसे बादल !
दुःखों ने घेरा
सुखों ने मुँह फेरा
माँ याद आई !
बेटी के आँसू
झरना बन बहे
माँ की आँखों से !
याद आती है
निंद्राहीन रातों में
माँ की थपकी !
अम्मा की लोरी
गूँजती है कानों में
सालों बाद भी !
झुर्रियाँ तेरी
माँ, तेरे संघर्ष की
अनंत गाथा !
सारे सितारे
झोली में आ गिरे जो
माँ ने दुलारा !
मैं अकिंचन
कैसे उतारूँ क़र्ज़
तेरे प्यार का !
जो कहानियाँ
सुनाईं थीं तूने माँ
सीख दे गयीं !
अस्थि मज्जा से
तन गढ़ा, आत्मा को
दिये संस्कार !
शिक्षा से तेरी
परिष्कृत होती माँ
अगली पीढ़ी !
स्पर्श है तेरा
दर्द निवारक, माँ
धनवंतरी !
माँ तेरी बातें
बचपन की यादें
आँसू ले आयें !
स्वप्न में खोई
आँचल की छाँव में
सुख से सोई !
याद रहेगी
जब तक हैं साँसें
ममता तेरी !
सारे जग में
तुझसा हितैषी माँ
कोई ना मिला !
कोटि प्रणाम
कृतज्ञ ह्रदय के
स्वीकारो माँ !
साधना वैद
चित्र - गूगल से साभार
चित्र - गूगल से साभार
बहुत छू गए मन को ये प्यारे से हाइकु |बचपन की याद दिला गए |
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