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Thursday, May 8, 2014

जाना है उस पार



गहरा सागर, दूर किनारा, तूफां के आसार   
नाव पुरानी, दिशा अजानी, जाना है उस पार
वेगवान है वायु, जलधि की हैं उत्ताल तरंगें
मन की हठधर्मी से मानी कुदरत ने भी हार !

साधना वैद  

1 comment :

  1. बहुत भावपूर्ण पंक्तियाँ |

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