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Tuesday, December 5, 2017

A thing of beauty is a joy for ever and for everyone.



मीडिया वालों की बातें कभी भरपूर मनोरंजन करती हैं तो कभी कभी तीव्र झुँझलाहट से भी भर देती हैं ! शशि कपूर साहेब की प्रशंसा में कल से बिना कॉमा फुल स्टॉप के सारे चैनल वाले कशीदाकारी में लगे हुए हैं ! लगना भी चाहिए ! वे नि:संदेह रूप से हरदिल अजीज़ कलाकार थे और अपने जीवन में उन्होंने दर्शकों का भरपूर प्यार, इज्ज़त और शोहरत कमाई ! जितने अच्छे वे कलाकार थे उतने ही अच्छे इंसान भी थे और एक निहायत ही खूबसूरत और शानदार व्यक्तित्व के स्वामी थे ! उनके चाहने वालों में स्त्री और पुरुष सभी शामिल थे ! लेकिन हमारे खोजी पत्रकार न जाने कहाँ से आँकड़े जुटा लाते हैं कि उन पर हज़ारों लड़कियाँ मरती थीं ! बात अगर किसी हीरो की हो जैसे देवानंद, राज कपूर, राजेश खन्ना, ओम पुरी, विनोद खन्ना, शशि कपूर तो पत्रकारों की स्क्रिप्ट में उन पर मरने वाले प्रशंसकों में महिलाओं की संख्या कई गुना अधिक हो जाती है और यही बात जब किसी हीरोइन की हो जैसे मधुबाला, नूतन, मीना कुमारी, दिव्या भारती, स्मिता पाटिल तो यहाँ अपनी प्रिय अभिनेत्री पर मरने वाले प्रशंसकों में महिलाओं का स्थान पुरुष ले लेते हैं ! अभी तक यह रहस्य समझ में नहीं आया कि इतने सटीक आँकड़े इन्हें मिल कहाँ से जाते हैं !

अंग्रेज़ी में एक कहावत है, A thing of beauty is a joy for ever. मैं इस वाक्य में थोड़ी सा इज़ाफा और करना चाहती हूँ, A thing of beauty is a joy for ever and for everyone. जो वस्तु अनमोल है, अनुपम है, प्रशंसनीय है वह हर इंसान को समान रूप से एक सा सुख देती है फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष ! राज कपूर, देवानंद, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना के प्रशंसक क्या पुरुष कम थे ? ना जाने कितने लोग उन्हीं की तरह रहने की, उन्हीं की स्टाइल के सूट, बूट, कोट, पेंट, चश्मे, टोपी पहनने की और उन्हीं की अदा से बोलने की कोशिश किया करते थे ! महिलायें तो सिर्फ प्रशंसा भरी नज़रों से ही देखती होंगी लेकिन पुरुष तो स्वयं को पूरी तरह से उन्हीं के अवतार में ढालने की कोशिश किया करते थे ! उसी तरह अभिनेत्रियों की खूबसूरती के जितने दीवाने पुरुष होते हैं महिलायें भी उनसे कम दीवानी नहीं होतीं ! आशा पारिख, साधना की हेयर स्टाइल, रेखा की तरह साड़ी पहनने का अंदाज़, करीना, करिश्मा की मेक अप टिप्स, प्रियंका, ऐश्वर्या, दीपिका और विद्द्या बालन की लुक्स की दीवानी स्त्रियाँ अधिक हैं और स्वयं को उन्हीं के अनुरूप बनाने की भरपूर कोशिश किया करती हैं ! बाज़ारों में ड्रेसेज भी महिलाओं को वही लुभाती हैं जिनके बारे में सेल्समेन बता देते हैं कि फलां फिल्म में दीपिका ने या प्रयंका ने ऐसी ही ड्रेस पहनी थी ! क्या किसी अभिनेता या अभिनेत्री की सफलता को आँकने का एक यही पैमाना होता है कि अभिनेता पर कितनी लड़कियाँ या अभिनेत्री पर कितने युवक प्राण न्यौछावर करने के लिए तत्पर हैं !

ज़रा सोचिये अमिताभ बच्चन को फिल्म की शूटिंग के दौरान जब गंभीर चोट लगी थी तब उनके जीवन की सलामती के लिए क्या सिर्फ महिला प्रशंसकों ने ही दुआ की थी ? सारा हिन्दुस्तान तब प्रार्थनाघर में तब्दील हो गया लगता था और हर इंसान के हाथ उनके जीवन की रक्षा की दुआ माँगने के लिए ऊपर उठे हुए थे ! कलाकार की कला और उसका आकर्षक व्यक्तित्व सबको समान रूप से लुभाता है इसलिए पत्रकार किसी भी कलाकार की प्रशंसा करते समय इस प्रकार की उक्तियों से बचें तो अच्छा होगा !

साधना वैद 

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