महाशिवरात्रि पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
हे महादेव
फ़ैल गया असत
विनाश करो
भ्रष्टाचार से
सिक्त इस जग को
पावन करो
छाये हुए हैं
चहुँ ओर असुर
संहार करो
भोले शंकर
पीड़ित हुए भक्त
आश्वस्त करो
आये शरण
तुम्हारे चरणों में
वरदान दो
हे शिव शम्भू
त्रस्त हो चुके अब
निर्वाण करो !
साधना वैद
भोले शंकर स्वयं त्रस्त हैं. उनके तथाकथित भक्त उन पर अत्याचार पर अत्याचार किए जा रहे हैं.
ReplyDeleteजी गोपेश जी ! आपने बिलकुल सच कहा ! नीलकंठ के आर्तनाद पर भी मैंने एक कविता लिखी है ! समय मिले तो अवश्य पढियेगा उसे ! लिंक दे रही हूँ !
Deletehttps://sudhinama.blogspot.com/2011/08/blog-post.html
आपकी प्रतिक्रिया की मुझे प्रतीक्षा रहेगी ! सादर वन्दे !
सुन्दर पंक्तियाँ..
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद हरीश कुमार जी ! आभार आपका !
Deleteबहुत बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आलोक जी ! आभार आपका !
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