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Sunday, June 5, 2016

कटा पेड़


पर्यावरण दिवस पर विशेष


 पेड़ है कटा
अतिक्रमण हटा
बेघर पंछी !

क्रूर मानव
हृदयहीन सोच
पंछी हैरान !

व्यर्थ हो गयी
लंबी संघर्ष यात्रा
एक पल में !

क्या मिला तुझे
उजाड़ मेरा घर
स्वार्थी इंसान !

शिखर पर
संवेदनहीनता
मौन ईश्वर !

पीर हमारी
किसीने कब जानी
हैं क्षुद्र प्राणी !

कैसे बसाऊँ
फिर अपना घर
थके पंखों से ! 

करता कोई 
खामियाजा लेकिन 
भरता कोई ! 


क्यों काटे पेड़

हुई वायु अशुद्ध

पंछी बेघर !



पेड़ केवल

देना ही जानते हैं

लेते कहाँ हैं ! 


साधना वैद 

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