# "एक फुट के मजनूमियाँ"
Sadhana Vaid
Sadhana Vaid
साधना वैद जी
============== ने दो किताबें भेजीं, एक मेरे लिए, एक कुनू ,अमु के लिए । कुनू ,अमु का नाम पढ़ते ही आप समझ गए होंगे कि किताब छोटे बच्चों के लिए होगी, जी हाँ, "एक फुट के मजनूमियाँ"।
आज मैंने कुनू ,अमु की किताब उठाई, भूमिका वगैरह के बाद पहली कहानी पढ़ी, "आलसी लालची मकड़ी " फिर कुनू को सुनाया, अमु अभी पास में नहीं, हो सकता है मैं रिकॉर्ड करके भेजूँ, लेकिन मुझे देखते हुए मुझसे सुनने में और बिना मुझे देखे सुनने में फर्क होगा, ... ख़ैर, तो पहली कहानी पढ़कर बड़ा मजा आया, सीख भी अच्छी मिली बच्चों को और काम से भागनेवाले बड़ों को ।
बच्चों के लिए लिखी गई कहानी किसी जादू से कम नहीं होती । शेर,चीते,भालू,खरगोश,गिलहरी,मकड़ी ... सब बोलने लगते हैं, कोई चालाकी दिखाता है, कोई समझदारी ।
पंचतंत्र की कहानियाँ, गुलज़ार की बच्चों के लिए लिखी गई कहानियों,कविताओं से, किसी रशियन किताब से कम दिलचस्प यह किताब नहीं । सबके घर में यह किताब होनी चाहिए, क्योंकि कई बातें हम बच्चों को ऐसे नहीं समझा पाते,पर काल्पनिक कहानियों के माध्यम से उनके नन्हें से दिल को बहुत कुछ बता सकते हैं, और ये कहानियाँ मस्तिष्क के किसी कोने में जगह बना लेती हैं, तभी तो फिर नानी/दादी की पिटारियों में ढेर सारी कहानियाँ मिलती हैं ।
अभी तो शुरू हुई है कहानी, और पहली कहानी के बाद कह रही हूँ, अपने बच्चों के लिए,अपने लिए आज ही इसे मंगवाएं । शरमाना क्यों, दिल तो सबका बच्चा है जी और सबको भविष्य में नानी/दादी, दादा/नाना/मामा/मौसी बनना ही है, तो बस मंगा लीजिए । फिर न कहिएगा, हमने बताया नहीं |
============== ने दो किताबें भेजीं, एक मेरे लिए, एक कुनू ,अमु के लिए । कुनू ,अमु का नाम पढ़ते ही आप समझ गए होंगे कि किताब छोटे बच्चों के लिए होगी, जी हाँ, "एक फुट के मजनूमियाँ"।
आज मैंने कुनू ,अमु की किताब उठाई, भूमिका वगैरह के बाद पहली कहानी पढ़ी, "आलसी लालची मकड़ी " फिर कुनू को सुनाया, अमु अभी पास में नहीं, हो सकता है मैं रिकॉर्ड करके भेजूँ, लेकिन मुझे देखते हुए मुझसे सुनने में और बिना मुझे देखे सुनने में फर्क होगा, ... ख़ैर, तो पहली कहानी पढ़कर बड़ा मजा आया, सीख भी अच्छी मिली बच्चों को और काम से भागनेवाले बड़ों को ।
बच्चों के लिए लिखी गई कहानी किसी जादू से कम नहीं होती । शेर,चीते,भालू,खरगोश,गिलहरी,मकड़ी ... सब बोलने लगते हैं, कोई चालाकी दिखाता है, कोई समझदारी ।
पंचतंत्र की कहानियाँ, गुलज़ार की बच्चों के लिए लिखी गई कहानियों,कविताओं से, किसी रशियन किताब से कम दिलचस्प यह किताब नहीं । सबके घर में यह किताब होनी चाहिए, क्योंकि कई बातें हम बच्चों को ऐसे नहीं समझा पाते,पर काल्पनिक कहानियों के माध्यम से उनके नन्हें से दिल को बहुत कुछ बता सकते हैं, और ये कहानियाँ मस्तिष्क के किसी कोने में जगह बना लेती हैं, तभी तो फिर नानी/दादी की पिटारियों में ढेर सारी कहानियाँ मिलती हैं ।
अभी तो शुरू हुई है कहानी, और पहली कहानी के बाद कह रही हूँ, अपने बच्चों के लिए,अपने लिए आज ही इसे मंगवाएं । शरमाना क्यों, दिल तो सबका बच्चा है जी और सबको भविष्य में नानी/दादी, दादा/नाना/मामा/मौसी बनना ही है, तो बस मंगा लीजिए । फिर न कहिएगा, हमने बताया नहीं |
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बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार आपका रश्मि प्रभा जी इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए ! कहानी में कुनू को मज़ा आया मैं इम्तहान में पास हुई ! आपका दिल से शुक्रिया !
आप सभी की सुविधा के लिए अमेज़न का लिंक दे रही हूँ जिस पर यह किताब 'एक फुट के मजनूमियाँ' उपलब्ध है !
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