मिली नज़र
बजी जल तरंग
धड़का दिल
नज़रों ने की
मासूम शरारत
हुए गाफिल
झुकी नज़र
हिजाब की ओट में
शर्माई गोरी
उठी नज़र
खिलखिलाया मन
मुस्काई गोरी
आँखों ने देखा
नज़रों ने सराहा
प्यार हो गया
भोली नज़र
मीठा सा प्रेम गीत
शुरू हो गया
करने लगे
नज़रों नज़रों में
ढेर सी बातें
काटने लगे
तारों को गिन गिन
आँखों में रातें
खेलने लगे
नज़रों नज़रों में
प्यार का खेल
बिन बोले ही
आँखों ने रच डाली
बातों की भेल
जाने क्या हुआ
फिर गयीं नज़रें
भाया न संग
ऊबी नज़र
फीके पड़ने लगे
प्रेम के रंग
फिरी नज़र
घायल हुआ मन
तड़पे दोनों
बसाया था क्यों
नज़रों में अपनी
जानें न दोनों
प्रेम कथा का
हो गया पटाक्षेप
दोषी नज़र
नज़रें जानें
नज़रों की कहानी
टूटा क़हर
हुआ क्या ऐसा
गिरे क्यों नज़र से
कोई न जाने
समझ जाए
जो नज़रों की भाषा
दुनिया माने !
चित्र - गूगल से
साभार
साधना वैद
बहुत सुन्दर हाइकु आदरणीया
ReplyDeleteसादर
हार्दिक धन्यवाद अनीता जी ! आभार आपका !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 08/02/2019 की बुलेटिन, " निदा फ़जली साहब को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शिवम् जी !
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-02-2019) को "तम्बाकू दो त्याग" (चर्चा अंक-3243) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ReplyDeleteसुप्रभात |बढ़िया हाईकू |
सुप्रभात जीजी ! हृदय से धन्यवाद !
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
११ फरवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार आपका श्वेता जी !
ReplyDeleteसुन्दर हाइकु बधाई आदरणीया sadhana vaid ji
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद विकास जी !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सुखमंगल सिंह जी !
ReplyDeleteसमझ जाए
ReplyDeleteजो नज़रों की भाषा
दुनिया माने !
बहुत खूब....सादर नमन
बहुत लाजवाब हायकू...
ReplyDeleteसमझ जाए
ReplyDeleteजो नज़रों की भाषा
दुनिया माने !
बहुत खूब.......सादर नमन
वाह! बहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteaapki rachna bahut hi sundar ha, ese pad kar mun gad gad ho gaya.
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