अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आप सभीको हार्दिक शुभकामनाएं !
जहाँ नारी है जग में
प्रेम है, स्नेह है, वात्सल्य है, ममता है,
जहाँ नारी है जग में
हौसला है, हिम्मत है, सामर्थ्य है, क्षमता है,
जहाँ नारी है जग में
शब्द हैं, भाव हैं, कल्पना है, कविता है,
जहाँ नारी है जग में
भक्ति है, पूजा है, शान्ति है, समता है !
नारी है तो यह बृह्मांड संपूर्ण है
नारी है तो यह सृष्टि संपूर्ण है
नारी है तो यह संसार संपूर्ण है
नारी है तो यह प्रकृति संपूर्ण है !
है नारी जिस घर में
उस घर में तरलता है
है नारी जिस घर में
उस घर में सरलता है
है नारी जिस घर में
उस घर में चपलता है
है नारी जिस घर में
उस घर में विरलता है !
तुम निहारो तो ज़रा तेज उसका
तुम निरखो तो ज़रा ओज उसका
तुम देखो तो ज़रा चातुर्य उसका
तुम परखो तो ज़रा ऐश्वर्य उसका
यह आज की नारी है
स्वयंसिद्धा, स्वयम्भू, सर्वशक्तिमान
कभी भूल न करना इसे जानने में
कभी भूल न करना इसे पहचानने में
यह वरदायी है सिर्फ तब तक
जब तक शांत है, संतुष्ट है, प्रसन्न है
वरना यह पापनाशिनी कितनी रौद्र है
कितनी उग्र है, कितनी विध्वंसक है
कितनी विस्फोटक है
यह बताने की ज़रुरत तो नहीं !
साधना वैद
बहुत अच्छी सामयिक चिंतन प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद कविता जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteवाह, बहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद शिवम् जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना ... हर पंक्ति भावपूर्ण है
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद संजय !
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