आज पुस्तक दिवस पर मेरे चंद हाइकु
आप सभी के अवलोकनार्थ
मेरी पुस्तकें
मेरी पुस्तक
भरे सुख से झोली
है हमजोली
युक्ति सुझाए
चिंता के सागर से
पार लगाए
गुदगुदाए
मन को बहलाए
सुख दे जाए
पल भर में
सातों सागर पार
हमें ले जाए
अपरिचित
अनचीन्हे स्थानों की
सैर कराए
अद्भुत लोग
अद्भुत प्रदेशों की
कथा सुनाए
मेरी पुस्तकें
सबसे अंतरंग
दोस्त हैं मेरी
साधना वैद
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद शिवम् कुमार जी ! बहुत बहुत आभार आपका !
Deleteसुप्रभात
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति |