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Wednesday, December 27, 2023

लाइलाज मर्ज़ - लघुकथा

 



दो वर्ष का नन्हा प्रियांशु बहुत ज़ोर-ज़ोर से खाँस रहा था ! अपने छोटे से बेटे को इतनी तकलीफ में देख कर नीना और सचिन दोनों ही बहुत घबरा गए थे ! लॉक डाउन के कारण डॉक्टर्स के क्लीनिक भी प्राय: या तो बंद ही रहते थे या वे गिने चुने पेशेंट्स को ही देखते थे !

जैसे तैसे एक डॉक्टर का क्लीनिक खुला मिला ! प्रियांशु को साँस लेने में भी परेशानी हो रही थी ! डॉक्टर ने बच्चे की गहन पड़ताल की ! उसके लंग्स में इन्फेक्शन था ! इतनी गर्मी में बच्चे को ठण्ड भी नहीं लगी थी कभी ! ना ही वे लोग कहीं बाहर गए थे ! नीना और सचिन हैरान थे कि प्रियांशु को इतना गंभीर इन्फेक्शन कैसे हुआ !

अब डॉक्टर के निशाने पर सचिन थे !

“क्या आप स्मोक करते हैं ?”  

सचिन से पहले ही नीना बोल पड़ी !

“हाँ डॉक्टर साहेब सचिन चेन स्मोकर हैं ! दिन में दो डिब्बी सिगरेट तो ये पी ही लेते हैं ! लेकिन आपने कैसे जाना ?”

“आपके बेटे की खाँसी और लंग्स के इन्फेक्शन का कारण ही यही है ! आपके पति सिगरेट पीते हुए जो धुआँ बाहर निकालते हैं उसे आपका बेटा अपने लंग्स में हर पल अपनी साँस के साथ अनचाहे ही ग्रहण कर रहा है ! अगर आपके पति ने स्मोकिंग की अपनी आदत न छोड़ी तो आपके बेटे का मर्ज़ लाइलाज हो जाएगा और इसके प्राणों पर संकट भी आ सकता है !”


 

साधना वैद


10 comments :

  1. कटु सत्य
    आभार
    सादर वंदे

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    1. हार्दिक धन्यवाद यशोदा जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! सप्रेम वन्दे !

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  2. न जाने कितने मासूम इस ज़हर को लीलने पर मजबूर हैं

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    1. जी अनीता जी ! घोर चिंता का विषय है ! हार्दिक धन्यवाद आपका !

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  3. Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद हरीश जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  4. चिंता का विषय

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    1. हार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! वाकई घोर चिंता का विषय है !

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  5. उफ ! बेगुनाहों को मिलती सजा किसी और के कर्मों की।

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    1. हार्दिक धन्यवाद मीना जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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