भारत वर्ष 
वर्षों की दासता से 
उन्मुक्त हुआ 
टूटी श्रंखला
ख़त्म हुई गुलामी  
स्वाधीन हुआ 
राष्ट्रीय पर्व 
स्वतंत्रता दिवस 
हमारा मान 
विश्व भर में 
सशक्त भारत की 
है पहचान 
लाल किले पे 
लहराता तिरंगा 
गर्वित हम 
अभिभाषण 
देश के प्रधान का 
हर्षित हम 
उद्बोधन में 
संघर्ष चुनौती की 
कितनी बातें 
कुटिल शत्रु 
आतंकी दुश्मन की 
कितनी घातें 
जूझे उबरे 
हर बार शत्रु को
धूल चटा के 
चाल अरि की 
भटकाना सबको 
ध्यान बँटा के 
वीर सेनानी 
सिरमौर देश के 
हमारी शान 
रक्षण करें 
जान पर खेल के 
वीर जवान 
सदा रखेंगे 
सकल जगत में 
देश का मान 
जय भारत 
जय जय भारत  
जय भारती 
साधना वैद

 
 
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगवार(१७-०८-२०२१) को
'मेरी भावनायें...'( चर्चा अंक -४१५९ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !
Deleteसुप्रभात
ReplyDeleteउम्दा लिखा है
वंदे मातरम, जय हिंद
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद गगन जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! वन्दे मातरम् !
Deleteसुंदर प्रस्तुति आदरनीय💐💐💐💐💐
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद हर्ष जी ! आपका बहुत बहुत आभार !
Deleteहार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी ! आपका बहुत बहुत आभार ! सादर वन्दे !
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और उम्दा रचना!
ReplyDelete