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Tuesday, January 25, 2022

तुम देखना माँ

 


मुझे दुर्बल समझने की
भूल न करना तुम
कोमलांगी भले ही हूँ लेकिन
आत्मबल की ज़रा भी
कमी नहीं है मुझमें !
निमिष मात्र में
सारी वर्जनाएं तोड़ दूँगी,
सारी रूढ़ियों को समूल
उखाड़ फेंकूँगी,
सड़ी गली परम्पराओं को
पल भर का समय लगाए बिना
जीवन की स्लेट पर से पल भर में
पोंछ कर मिटा दूँगी मैं !
इतिहास रचना है सफलता का मुझे !
यश के सर्वोच्च शिखर पर
अपना कीर्ति ध्वज फहराना है मुझे !
मेरी अभ्यर्थना के लिए तुम
तैयार तो रहोगी न माँ !
तुम देखना माँ
एक दिन धरती आकाश की
सारी दूरियों को पार कर
मैं चाँद के माथे पर
अपने हस्ताक्षर कर आउँगी !
इन्द्रधनुष की सतरंगी चूनर में
आकाश के सारे सितारे टाँक कर
मैं उसे ओढूँगी और
सातों सागरों की लहरों पर
ऐसा नर्तन करके दिखाऊँगी कि
तुम्हें नाज़ होगा अपनी बेटी पर !
मेरे माथे पर प्यार भरा चुम्बन देकर
तुम मुझे शुभाशीष तो दोगी न माँ !
मैं तुम्हारी आँखों में उस अभूतपूर्व
हर्षोल्लास और गर्व की
चमक देखना चाहती हूँ माँ !


साधना वैद

चित्र - गूगल से साभार

13 comments :

  1. सुंदर... रचना... हर बेटी को ऐसी ही कामना करनी चाहिए... और परिवार के सभी सदस्यों को उसकी इन इच्छाओं को पूरा करने में साथ देना चाहिए...

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    1. उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद नैनवाल जी ! हार्दिक आभार !

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  2. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26-01-2022) को चर्चा मंच        "मनाएँ कैसे हम गणतन्त्र"   (चर्चा-अंक4322)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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    1. हार्दिक धन्यवाद शास्त्री जी ! बहुत बहुत आभार आपका ! सादर वन्दे !

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  3. बेहतरीन अभिव्यक्ति

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    1. हार्दिक धन्यवाद भारती जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  4. बहुत भावपूर्ण रचना है |बहुत सुन्दर |

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    1. हार्दिक धन्यवाद जीजी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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  5. बहुत सुंदर साधना जी! आज की बेटी सक्षम हैं, वीरांगना है और समय की धार की मोड़ने की ताक़त रखने वाली लौहनारी भी है। मां का दिया नैतिक बल और मूल्य बीही उसकी शक्ति है। मां के सपने उसकी आंखों में पलते हैं। कीर्ति पताका फहराने को आतुर इस वीरबाला की अभ्यर्थना को सभी दिशाएं तैयार हैं। बेटियों की महिमा बढ़ाती हुई रचना के लिए हार्दिक आभार और शुभकामनाएं आपको 🙏🙏🌷🌷

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    1. उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रेणु जी ! हार्दिक आभार आपका !

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  6. बहुत बहुत बहुत ही उम्दा एक-एक पंक्ति सराहनीय प्रेरणादायक है! जितनी तारीफ की जाए कम है!
    इस बेहतरीन सृजन के लिए साधुवाद आदरणीया 🙏

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  7. बहुत ही सुन्दर रचना आदरणीया
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. हार्दिक धन्यवाद अभिलाषा जी ! बहुत बहुत आभार आपका !

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