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Thursday, July 3, 2025

इम्प्रेशन - एक लघुकथा

 



“सुनिए जी, मुझे कुछ रुपये चाहिए ! एक साड़ी लानी है आज ही !”
अर्पिता अलमारी से अपना शॉपिंग बैग निकालते हुए बोली ! वरुण हैरान था !

“ऐसी भी क्या जल्दी है ! तुम्हारे पास तो एक से बढ़ कर एक कीमती और खूबसूरत साड़ियाँ भरी पडी हैं अलमारी में ! फिर ऐसी क्या इमरजेंसी आ गयी कि आज ही साड़ी खरीदनी है !”
“अरे, आपको याद नहीं है ! कल विधायक जी की माताजी की उठावनी में जाना है ना ! वहाँ शादी ब्याह में पहनने वाली तड़क भड़क की साड़ी पहन कर थोड़े ही जाउँगी ! कितने बड़े-बड़े लोग आएँगे उनके यहाँ ! सुना है दिल्ली से भी पार्टी के उच्चाधिकारी आने वाले हैं ! उनकी बहू अमेरिका से
, बेटी इंग्लैण्ड से आ रही है ! मुझे प्योर खादी सिल्क की सोबर से कलर की एक कीमती साड़ी चाहिए कल पहनने के लिए ! अच्छा इम्प्रेशन पड़ना चाहिए ! तभी तो अगले चुनाव के लिए टिकिट मिलेगा मुझे ! आप तो कुछ समझते ही नहीं !” अर्पिता झुँझला उठी थी !


साधना वैद


चित्र - गूगल से साभार 


2 comments :

  1. आज के दौर का यही सच है।
    एक छोटी सी लघुकथा में जाने कितने संदेश छुपे है।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ४ जुलाई २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद श्वेता जी ! बहुत-बहुत आभार आपका ! सप्रेम वन्दे !

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