आओ साथियों हम मिलजुल कर खेलें ऐसे खेल
जिससे बढ़े सभी में एका, देश प्रेम और मेल ।
राजू तुम इंजन बन जाओ, गुड्डू गार्ड बनेगा,
मोहन हाथों में ले झण्डी रस्ता पास करेगा,
बाकी सब डिब्बे बन जाओ, खूब रहेगा खेल
छुक-छुक छक-छक करती कैसी प्यारी लगती रेल।
अब खेलेंगे चोर सिपाही महफिल खूब जमेगी
रानी खुफिया पुलिस बनेगी मीना न्याय करेगी,
देशद्रोह की सज़ा मिलेगी सबको होगी जेल
नहीं रियायत होगी उन पर ना ही होगी बेल ।
आओ अब हम खेलें घर-घर जिसकी अपनी शान
जिसमें काम सभी हैं करते फिर करते आराम,
राजू पानी, मीना खाना, सब्ज़ी मैं लाउँगा,
रानी साफ करेगी बर्तन जब मैं घर आउँगा ।
हुई शाम अब सब घर जाओ कल फिर होगा खेल
जाकर खूब पढ़ाई करना, हो मत जाना फेल,
खेल कूद है बहुत ज़रूरी, है यह सच्ची बात
लेकिन इसका नम्बर आता है पढ़ाई के बाद ।
साधना वैद
ई शाम अब सब घर जाओ कल फिर होगा खेल
ReplyDeleteजाकर खूब पढ़ाई करना, हो मत जाना फेल,
खेल कूद है बहुत ज़रूरी, है यह सच्ची बात
लेकिन इसका नम्बर आता है पढ़ाई के बाद ।
बहुत सुन्दर बच्चों को अच्छा सन्देश देती रचना के लिये बधाई
बहुत बढ़िया बाल गीत..आनन्द आया. बच्चों को सीख देती रचनाओं की कमी ही दिखती है. आपका योगदान अच्छा लगा.
ReplyDeleteकुछ आये थे कहने को पर,
ReplyDeleteशब्द छोटे पड गये...निस्पार्ण
अपकी भावुकता बहुत किमती है,
उगेगी बगीया लहलाएगा उपवन।
मनसा
A nice poem with a fine theme .Unity
ReplyDeleteis very important in present time .
Asha