तुमने
कितना कुछ
सिखाया
है ना मुझे !
हाशिये
पर सरकाये हुए
सवाल
हमेशा
अनुत्तरित
ही रहते हैं !
हाशिये
पर रुके हुए कदम
कभी
मंज़िल तक का सफर
तय
नहीं कर पाते !
हाशिये
पर टिके रिश्ते
आजीवन
बेमानी
ही
रह जाते हैं !
हाशिये
पर रोपी हुई
महत्वाकांक्षायें
कभी
अंकुरित
नहीं हो पातीं !
हाशिये
पर देखे गये
स्वप्न
कभी
साकार
नहीं हो पाते !
हाशिये
के
उथले
पानी में
ज़िंदगी
की नाव कभी
आगे
नहीं बढ़ पाती !
हाशिये
पर
ठिठक
कर रुक जाने से
हर
खुशी, हर सुख,
हर
उम्मीद
अधूरी
रह जाती है !
लेकिन
क्या कभी
तुमने
भी जाना है
हाशिये
पर सरकाये जाने का
क्या
अर्थ होता है ?
साधना
वैद !
हाशिये पर सरकाये हुए सवाल हमेशा अनुत्तरित ही रहते हैं !
ReplyDeletebahut sach...:)
हाशिये पर
ReplyDeleteठिठक कर रुक जाने से
हर खुशी, हर सुख,
हर उम्मीद
अधूरी रह जाती है !.......सही कहा साधना जी...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
बहुत सुंदर साधना जी....
ReplyDeleteमन को छू गए आपके शब्द...
अनु
कभी जानो कि हाशिये से गिरने का डर कितना गहरा होता है , खुशियाँ तो उस हाशिये से पनप ही नहीं पातीं ..... बहुत ही उच्च स्तरीय रचना
ReplyDeleteबहुत ही गहरे भावो की अभिवयक्ति......
ReplyDeleteहाशिए कभी-कभी बड़े काम आ जाता है - जो पंक्तियां बीच में नहीं समा पाई थीं, अब हाशिए पर आकर भाव को पूरा कर दे रही हैं।
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन सारगर्भित रचना...
ReplyDeleteहर उम्मीद
ReplyDeleteअधूरी रह जाती है !
लेकिन क्या कभी
तुमने भी जाना है
हाशिये पर सरकाये जाने का
क्या अर्थ होता है ?
बहुत सुंदर सारगर्भित अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,,,,,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
हाशिए का महत्त्व बहुत होता है |जितने भी महत्वपूर्ण नोट होते है हाशिए में ही अपनी जगह बनाते है |भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteआशा
बहुत ही समीचीन प्रश्न उठायें हैं आपने इस रचना के माध्यम से
ReplyDeleteपरन्तु विडम्बना ये है कि हमारे स्वप्न हाशिये पर क्यों सरकाये जाते हैं ....शायद इसका उत्तर किसी के पास नहीं
मार्मिक प्रस्तुति
आभार
लेकिन क्या कभी
ReplyDeleteतुमने भी जाना है
हाशिये पर सरकाये जाने का
क्या अर्थ होता है ?
एक अनुत्तरित प्रश्न
bahut sundar likha, aise anuttarit prashnon ko liye hamesha anuttarit hi rah jate hain.
ReplyDeleteये प्रश्न हमेशा अनुत्तरित ही रहा है। बहुत गहरे भाव। शुभकामनायें।
ReplyDeletehar kisi baat ka hona acchha aur bura dono hi ho sakta hai. is hashiye ki zindgi ka jina jitna dukhdayi hai utna hi isme kuchh positive bhi hai. jaisi ki hashiye par jine wala kabhi koi ummeed nahi lagayega...aur isliye ummeedon k tootne ka dard bhi use sehna n padega. aisa bhi to socha ja sakta hai.
ReplyDeletesamvedansheel prastuti.
kabhikabhi hashiye hi jindagi ki sachai hua karate hai
ReplyDeletehashiye bankar mahtvpunr tippniya hamare hisse aajaye to hashiye hi behtar hai
हाशिये पर होने का दर्द ..... मन को छूती सी रचना
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