आज राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की जयन्ती है ! आज भूतपूर्व प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयन्ती है ! दोनों महान नेताओं को शत-शत नमन ! आज के दिन मशहूर व्यंगकार शरद जोशी जी का एक लेख हमेशा मेरे मस्तिष्क में कौंधता रहता है ! आज के दिन 'देश को गाँधी जी के स्थापित किये मूल्यों को अपनाना चाहिए, 'उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए' जैसे सूत्र वाक्यों को दोहराने की परम्परा को शिद्दत के साथ हर स्कूल हर मंच पर वर्षों से निभाया जाता रहा है ! मशहूर व्यंगकार शरद जोशी जी ने इस सन्दर्भ में एक बहुत ही कमाल का आलेख लिखा था ' देश गाँधी मार्ग पर चल रहा है '! उस मशहूर आलेख की चंद पंक्तियाँ मैं आज आप सबके साथ साझा करना चाहती हूँ ! शायद ही कोई ऐसा पाठक होगा जिसके मन को ये पंक्तियाँ गुदगुदा ना जायें ! तो लीजिए आप भी आनंद उठाइये !
"आज़ादी के बाद देश की हर नगरपालिका और नगरनिगम ने अपने शहर की एक सड़क का
नाम महात्मा गाँधी मार्ग रख दिया है ! इससे यह सुविधा हो गयी कि शहर के
नेता जब अपने भाषण में कहते हैं कि देश महात्मा गाँधी मार्ग पर चल रहा है
तो वे गलत नहीं कहते ! वाकई चल रहा है ! आप चाहें तो सारे शहरों के महात्मा
गाँधी मार्गों की लम्बाई जोड़ यह भी बता सकते हैं कि हमारा देश महात्मा
गाँधी के मार्ग पर कितने किलोमीटर रोज़ चलता है ! सरकार को यह करना चाहिए कि
बॉम्बे-आगरा रोड और ग्रांड ट्रंक रोड का नाम बदल कर महात्मा गाँधी रोड रख
लेना चाहिए, ताकि हम गर्व से संसार को यह बता सकें कि भारत की जनता ही नहीं
हमारे ट्रक और ऑटोरिक्शा तक महात्मा गाँधी मार्ग पर चल रहे हैं ! "
यह मात्र एक झलक है पूरा आलेख पढ़िए और चिंतन करिये कि इस प्रकार की उक्तियों का यथार्थ में कितना और कितनी ईमानदारी के साथ पालन किया जाता है ! शरद जी मेरे बहुत ही प्रिय लेखकों में से एक हैं ! उन्हें भी सादर नमन !
साधना वैद
यह मात्र एक झलक है पूरा आलेख पढ़िए और चिंतन करिये कि इस प्रकार की उक्तियों का यथार्थ में कितना और कितनी ईमानदारी के साथ पालन किया जाता है ! शरद जी मेरे बहुत ही प्रिय लेखकों में से एक हैं ! उन्हें भी सादर नमन !
साधना वैद
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