देवी माँ का अष्टम
स्वरुप – महागौरी माँ
शुभ्र वसना
शांत, स्निग्ध,
मृदुल
महागौरी माँ
शिव को पाया
कठोर तपस्या से
पति रूप में
निस्तेज काया
श्याम वर्ण लख हों
आकुल प्रभु
निर्मल किया
जटा में समाहित
गंगा धार से
विधु सा श्वेत
त्वरा सा अलौकिक
रूप पायें माँ
कल्याण करो
विघ्न बाधाएं हरो
कृपा करो माँ
कोटि प्रणाम
हे वृषभ वाहिनी
महागौरी माँ
साधना वैद
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