Followers

Sunday, April 30, 2017

प्यासा मन




रीती गागर 
गहरा सरवर
रीता अंतर 

प्यासा है मन 
प्यासा है मधुबन 
प्यासा जीवन 

अब तो आओ 
तृषित हृदय की 
प्यास बुझाओ 

निहारूँ राह 
दर्शन की है चाह 
करो निर्वाह 


साधना वैद

No comments :

Post a Comment