चित्र - गूगल से साभार
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Friday, February 21, 2025
एक और राधा
चित्र - गूगल से साभार
Monday, February 10, 2025
अनुरोध
करना है ‘संकल्प’ कभी ना तुम भटकोगे
मिलें प्रलोभन खूब कभी ना तुम बहकोगे
मौसम हो प्रतिकूल भले ही चाहे जितना
सुरभित करने जीवन सबका तुम महकोगे !
चित्र - गूगल से साभार
साधना वैद
🙏🌹🌹🌹🙏
Saturday, February 8, 2025
छन्न पकैया छन्न पकैया
छन्न पकैया छन्न पकैया, मुश्किल है अब जीना
ग़म ही ग़म इनके जीवन में, पड़ता आँसू पीना !
छन्न पकैया छन्न पकैया, बहती उलटी धारा
आसमान के नीचे इनका, कटता जीवन सारा !
छन्न पकैया छन्न पकैया, अब सुन लो त्रिपुरारी
दूर करो इनकी भव बाधा, विघ्न विनाशक हारी !
छन्न पकैया छन्न पकैया, तुमको आना होगा
मौसम की विपरीत मार से, इन्हें बचाना होगा !
छन्न पकैया छन्न पकैया, आने को है होली
निर्धन रहे न कोई जग में, भर दो सबकी झोली !
छन्न पकैया छन्न पकैया, क्यों अनर्थ यह होता
कुछ की किस्मत में धन दौलत, भाग्य किसी का सोता
!
छन्न पकैया छन्न पकैया, प्रगटो अब गिरिधारी
ध्यान धरो अपने भक्तों का, हर लो विपदा सारी !
छन्न पकैया छन्न पकैया, विकट समय यह कैसा
लाज बचाओ अपनी गिरिधर, करो पराक्रम ऐसा !
साधना वैद
Monday, February 3, 2025
आगमन वसंत का
पुलकित वसुधा
किये हुए है कैसा यह अतुलित श्रृंगार
लिए हाथ में थाल सुसज्जित खड़ी खोल कर स्वागत द्वार
हुआ आगमन प्रियतम का, अब होगा हर दुविधा का अंत
होंगे तृप्त नयन आतुर अब होंगे प्रगट हृदय उद्गार !
आ गयी मनोहर मन
भावन यह पावन ऋतु मधुमास की
गा रहे विहग हुलसित मन से करते बतियाँ मृदु हास की
आया वसंत धीरे-धीरे, हाथों में ले फूलों के बाण
चहुँ ओर महक है फ़ैल रही सुरभित सुमनों की श्वास की !
खेतों में
लहराई सरसों, हरियाली छाई मधुबन में
पीले चावल की खुशबू से, हर कोना सुरभित है घर में
माता सरस्वती का दिन है हम नत शिर उनका ध्यान धरें
आओ बाँटें मिल कर ख़ुशियाँ, हों स्वस्थ सुखी सब जीवन में !
साधना वैद