करना है ‘संकल्प’ कभी ना तुम भटकोगे
मिलें प्रलोभन खूब कभी ना तुम बहकोगे
मौसम हो प्रतिकूल भले ही चाहे जितना
सुरभित करने जीवन सबका तुम महकोगे !
चित्र - गूगल से साभार
साधना वैद
🙏🌹🌹🌹🙏
No comments :
Post a Comment