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Tuesday, April 22, 2025

मंजरी

 



नव कुसुमित पुष्पों से वन में 

करते हैं तरुवर श्रृंगार

मधु पीने को व्याकुल भँवरे 

करते हैं मधुरिम गुंजार

पवन मंजरी की खुशबू ले 

उड़ी क्षितिज की सीमा तक

पल भर में हो गए सुवासित 

धरती अम्बर और संसार !




साधना वैद 


4 comments :

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    1. हार्दिक धन्यवाद शिवम जी ! आभार आपका !

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  2. सुंदर प्रस्तुति

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    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद ओंकार जी ! आभार आपका !

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