प्यारी बिटिया मुझको तेरा ‘मम्मा-मम्मा’ भाता है,
तेरी मीठी बातों से मेरा हर पल हर्षाता है !
दिन भर तेरी धमाचौकड़ी, दीदी से झगड़ा करना,
बात-बात पर रोना धोना, बिना बात रूठे रहना,
मेरा माथा बहुत घुमाते, गुस्सा मुझको आता है,
लेकिन तेरा रोना सुन कर मन मेरा अकुलाता है !
फिर आकर तू गले लिपट सारा गुस्सा हर लेती है,
अपने दोनों हाथों में मेरा चेहरा भर लेती है,
गालों पर पप्पी देकर तू मुझे मनाने आती है,
‘सॉरी-सॉरी’ कह कर मुझको बातों से बहलाती है !
उलटे-पुलटे बोलों में हर गाना जब तू गाती है ,
सबके मुख पर सहज हँसी की छटा बिखर सी जाती है,
तेरी चंचलता, भोलापन और निराला नटखटपन,
मेरे सुख की अतुल निधी हैं, देते हैं मुझको जीवन !
मेरी प्यारी, राजदुलारी, भोली सी गुड़िया रानी,
सारी दुनिया भर में तुझ सा नहीं दूसरा है सानी,
मेरे घर आँगन की शोभा, मेरी बगिया का तू फूल,
तेरे पथ में पुष्प बिछा कर मैं समेट लूँ सारे शूल !
मेरी नन्ही बेटी तू मेरी आँखों का नूर है,
मेरे जीवन की ज्योती, तू इस जन्नत की हूर है,
तुझ पर मेरी सारी खुशियाँ, हर दौलत कुर्बान है,
मेरी रानी बिटिया तू अपनी ‘मम्मा’ की जान है !
साधना
BETIYAN HI TO SANSAR KA SABSE BADA SUKHA HOTI HE
ReplyDeleteमेरी नन्ही बेटी तू मेरी आँखों का नूर है,
ReplyDeleteमेरे जीवन की ज्योती, तू इस जन्नत की हूर है,
बहुत खूब, लाजबाब !
आपने मेरी बेटी के बचपन की यादों को ताजा कर दिया | प्यारी सी रचना के लिए बधाई |
ReplyDeleteआशा
nanhi gudiyaa ki
ReplyDeletemaasoom athkheliyaan
aur
aapki saral shabdaawali
waah !!
साधना जी . वात्सल्य का पूर्ण परिपाक कराती हुयी यह रचना जनसामान्य के कंठस्थ करने योग्य है । यह कविता पाठ्यक्रम मे आनी चाहिए ।
ReplyDeleteममतामयी रचना!!
ReplyDeleteमेरी नन्ही बेटी तू मेरी आँखों का नूर है,
ReplyDeleteमेरे जीवन की ज्योती, तू इस जन्नत की हूर है,
तुझ पर मेरी सारी खुशियाँ, हर दौलत कुर्बान है,
मेरी रानी बिटिया तू अपनी ‘मम्मा’ की जान है !
कमाल की अभिव्यक्ति .. सुंदर रचना !!
बहुत प्यारी और सुन्दर रचना .....
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना....बेटियां होती ही ऐसी हैं...आपका वात्सल्य छलका पड़ रहा है...
ReplyDeleteकितनी सुन्दर ममताभरी रचना है ... आपकी यह कविता पढ़ मुझे अपनी बेटी की याद आ गयी जो इस वक्त अपनी ननिहाल में है ..
ReplyDeleteतुझ पर मेरी सारी खुशियाँ, हर दौलत कुर्बान है,
ReplyDeleteमेरी रानी बिटिया तू अपनी ‘मम्मा’ की जान है !
beautiful creation !
मेरी नन्ही बेटी तू मेरी आँखों का नूर है,
ReplyDeleteमेरे जीवन की ज्योती, तू इस जन्नत की हूर है,
तुझ पर मेरी सारी खुशियाँ, हर दौलत कुर्बान है,
मेरी रानी बिटिया तू अपनी ‘मम्मा’ की जान है !
सरल पर सुन्दर अभिव्यक्ति!
सीधे साधे शब्दों में लिखी मासूम सी रचना ....
ReplyDeletebehad maasoom rachna!
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