बापू के पुण्य जन्म दिवस २ अक्टूबर पर उन्हें एक भावभीनी श्रद्धांजलि एवं एक सविनय प्रार्थना !
बापू तब तुमने जिनके हित बलिदान दिया,
अपने सुख, अपने जीवन को कुर्बान किया,
अब देख पतन उनका दिल तो दुखता होगा,
अपने सपनों का यह दुखांत चुभता होगा !
सच को अपने जीवन में तुमने अपनाया,
सच पर चलने का मार्ग सभी को दिखलाया,
पर भटक गए हैं बापू तेरे शिष्य सभी,
वो भूल चुके हैं जो शिक्षा थी मिली कभी !
है उनका इष्ट आज के युग में बस पैसा,
वह काला हो या फिर सफ़ेद बस हो पैसा,
जो सत्ता की कुर्सी पर जम कर बैठे हैं,
वो आदर्शों की चिता जला कर बैठे हैं !
सच की अवहेला उनका पहला धर्म बना,
हिंसा के पथ पर चलना उनका कर्म बना,
अब नहीं रहे वो वैष्णव पर दुःख कातर जो,
वो नहीं बाँटते पीर पराई कुछ भी हो !
भोली जनता है फिर से शोषित आज हुई,
वह अपनों के ही हाथों फिर से गयी छली,
भारत है फिर से वर्ग भेद में बँटा हुआ ,
पैसे वाला औ धनी, गरीब गरीब हुआ !
है जनता संकटग्रस्त कहाँ हो तुम बापू,
हैं भ्रष्ट हमारे नेता, तुम आओ बापू,
क्या जात पाँत का भेद भाव सह पाओगे ?
हिंसा का तांडव देख सहम ना जाओगे ?
अपने स्व;राज में भी जनता है शोषित क्यों,
जैसी तब थी उसकी हालत है ज्यों की त्यों,
बापू है जनता हिंसक और अराजक गर,
इसको विरोध का ढंग सिखाओ तुम आकर !
पर हित तुमने सुख अपने सब बिसराए थे,
तन ढँक सबका खुद एक वस्त्र में आये थे,
पर खुद से आगे नहीं देख ये पाते हैं,
मानवता की बातें भी ना सुन पाते हैं !
जब करते हैं विकास की नकली सी बातें,
जब शतरंजी चालों की हैं बिछती बीसातें,
जब आम आदमी प्यादे सा मारा जाता,
जब मँहगाई की मार नहीं वह सह पाता !
जब धर्म जाति के नाम लहू है बह जाता,
जब निज लालच के हित इमान है बिक जाता,
जब आधा भारत भूखा ही है सो जाता,
जब टनों नाज गोदामों में है सड़ जाता !
जब घटती है थाली में सब्जी की गिनती,
जब सुनता कोई नहीं गरीबों की विनती,
तब याद तुम्हारी आती है प्यारे बापू,
तुम होते तो कर देते कुछ ऐसा जादू !
सब जोर जुल्म का विलय दिलों में हो जाता,
छल कपट ह्रदय का पल में ओझल हो जाता,
तुम सत्य, अहिंसा, प्रेम, त्याग का पाठ नया,
फिर से सिखला दो और दिखा दो मार्ग नया !
भारत का गर्त हुआ गौरव दिखता होगा,
इस धूमिल छवि को देख ह्रदय जलता होगा,
तुम आओ बापू, एक बार फिर आ जाओ,
अपने भारत को फिर से मान दिला जाओ !
तुम आओ बापू, एक बार फिर आ जाओ,
अपने भारत को फिर से मान दिला जाओ !
साधना वैद
बहुत अच्छा लिखा है |बहुत बहुत बधाई |
ReplyDeleteआशा
बापू पर बहुत अच्छा लिखा है आपने....
ReplyDeleteबापू के पुण्य जन्म दिवस २ अक्टूबर पर उन्हें एक भावभीनी श्रद्धांजलि
ReplyDeleteआपकी रचना चोरी हो गयी ..... यहाँ देखे
http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_7326.html
चोरी का ब्लॉग का अर्ह क्या हुआ जी
Deletebahut hi achhi rachna....
ReplyDeleteaur yeh blogjagat mein nayi pareshaani kahan se qaa gayi/.....
साधना जी आज एक ओर महान नेता का भी दिन है? जिस ने देश को सर ऊठा कर इज्जत से खडा होना सिखाया था..लाल बहादुर शास्त्री जी को प्रणाम जी
ReplyDeleteaaj ke neta kee chavi jo hai usakee to bapoo ne kalpana bhee nahee kee hogee.......
ReplyDeletekhadee kargha.soot katna....soot ke haar netao ko
pahinae jate the .
ab to rupaiya hee sab kuch hai.........
bapoo ke aadarsh bapoo ke sath hee chale gaye........
bahut sunder rachana hai.....
Aabhar
बापू को नमन ...बहुत सही आवाहन है ....
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति ....
गांधी के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी जैसा नेता मिला था भारत को ...पर देश और देशवासियों का दुर्भाग्य कि बहुत जल्दी साथ छोड़ कर चला गया ...
आज उनका भी जन्मदिन है ...उनको भी मेरा नमन
कटु सच्चायिओं पर से परदे हटाती अच्छी अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteबधाई.
बापू को को गयी यह पुकार बहुत ही स्वाभाविक है....आज देश की दुर्दशा देख मन में यही आता है..काश,बापू जिंदा होते या फिर रूप बदल लौट आते ..बहुत ही सुन्दर कविता
ReplyDeleteबापू को शत शत नमन
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बापूजी को मेरा शत शत नमन और विनम्र श्रधांजलि!
ReplyDeleteसब जोर जुल्म का विलय दिलों में हो जाता,
ReplyDeleteछल कपट ह्रदय का पल में ओझल हो जाता,
तुम सत्य, अहिंसा, प्रेम, त्याग का पाठ नया,
फिर से सिखला दो और दिखा दो मार्ग नया !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ! काश बापू वापस आकर हमे आदर्श सिखा सकते ! बहुत सुन्दर रचना आपकी--आभार
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bahot sunder likhi hain.
ReplyDeleteसाधना जी आपने तो सभी भेद खोल दिये बापू जी के सामने। स्च मे उनकीात्मा अपने देश और देशवासिओं का पतन देख कर हाहाकार कर रही होगी।
ReplyDeleteबहुत अच्छी तस्वीर पेश की है। धन्यवाद।