आज सावन का पहला सोमवार है ! सभी पाठकों को श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनायें !
कहाँ हो तुम अब भोलेनाथ !
असुरों ने धरती को है आक्रान्त किया ,
सीधे सादे जन मन को दिग्भ्रांत किया ,
कहाँ छिपा कर रखा है डमरू अपना ,
कब आओगे तज कर सिंहासन अपना !
लगी है तुमसे सारी आस ,
कहाँ हो तुम अब भोले नाथ !
मस्तक पर शोभित है शशि शेखर प्यारा,
पावन गंगा को निज केशों में धारा ,
सर्प विषैले हिय पर शोभा पाते हैं ,
भूत पिशाच चरण रज पाने आते हैं !
कहाँ है गण चर सारे आज !
कहाँ हो तुम अब भोले नाथ !
धरती पर आई कैसी विपदा भारी ,
दुष्टों की करनी से मानवता हारी ,
लेकर अपनी फ़ौज ज़रा नीचे आओ ,
खोलो तीजा नेत्र, खलों को धमकाओ !
उठाओ अपना भाला आज ,
कहाँ हो तुम अब भोलेनाथ !
धरती को असुरों से खाली करना है ,
भक्तों के दुःख औ पीड़ा को हरना है ,
ताण्डव अपना इस धरती पर कर जाओ ,
काम, क्रोध, मद, लोभ भस्म सब कर जाओ !
तुम्हारी यहाँ ज़रूरत आज ,
कहाँ हो तुम अब भोलेनाथ !
साधना वैद
आदरणीय साधना वैद जी
ReplyDeleteनमस्कार !
......श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनायें !
जय भोलेनाथ
अपने भक्तों के दुःख औ पीड़ा को दूर करने के लिए आज तुम्हारी ज़रूरत है भोलेनाथ !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्दों....बेहतरीन भाव....खूबसूरत कविता...
हर हर महादेव के सुबह-सुबह सावन के सोमवार को पुण्य दर्शन से अभिभूत हुआ
ReplyDelete.........जय शंकर
हर हर महादेव
ReplyDeleteजय शंकर
आजकल का वातावरण देख ह्रदय से निकली आपकी प्रार्थना ...बहुत सुंदर शब्दों में ...!!
ReplyDeleteप्रभु सबका कष्ट हरें ...!!शुभकामनायें ...
सावन के पहले सोमवार पर शुभकामनायें ...
ReplyDeleteआपकी प्रार्थना फलीभूत हो ..सुन्दर प्रार्थना
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण कविता! जय शंकर!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
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sawan ke pahale somwaar ki aapko bhi bahut bahut badhaai.mahadevji ki sach main aaj ke jamaane main bahut jarurat hai aapka aahwaan bahut achcha lagaa.badhaai aapko.
ReplyDeleteplease visitmy blog.thanks
भोलेनाथ आपकी प्रार्थना स्वीकार करें...श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनायें...
ReplyDeleteइतनी बड़ी प्रार्थना की का जरूरत |सीधे ट्रेन में बैठो और आजाओ भूत भावन के पावन दर्शन के लिए |
ReplyDeleteआशा
बहुत ही अच्छी रचना ... सावन के पहले सोमवार को पर इतनी बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।
ReplyDeletebahut sunder.......
ReplyDeleteme bhi in bhole nath ko roj bulati hun....ye aate hi nahi. :(
ReplyDeleteश्रावण मास की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteआस्था और विश्वास से ओतप्रोत सुन्दर रचना !
प्रार्थना ,बहुत सुंदर..........
ReplyDeleteअभी तो यही कहेंगे
ReplyDeleteजय शिव शंकर
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ReplyDeleteMami ji wastav me Bhgwaan sa rahe hai.Isiliye haiwan rajya kar rahe hai.
ReplyDeleteशिव जी की अच्छी स्तुति.
ReplyDeleteबम बम भोले.
बहुत ही सामयिक रचना...सचमुच कहाँ हैं भोलेनाथ??
ReplyDeleteश्रावण में त पूरा देश ही ....उनकी पुकार करता है.