Followers

Sunday, April 28, 2013

क्योंकि यह प्यार है















क्यों वक्त के साथ
ख्वाहिशों की कभी
उम्र नहीं बढती !
क्यों आँखों के सपने
बार-बार टूट कर भी
फिर से जी उठते हैं !
क्यों उम्मीदें हमेशा
नाकाम होने के बाद भी
जवान बनी रहती हैं !
क्यों प्यार का सरोवर
ज़माने का भीषण ताप
सहने के बाद भी
कभी नहीं सूखता !
क्यों नैनों में बसा इंतज़ार
जब तक अपने प्रियतम को
सामने ना देख ले कभी
खत्म ही नहीं होता !
हज़ार अजनबी आहटों में से
कान कैसे बिना देखे ही
उस चिर प्रतीक्षित आहट को
पहचान लेते हैं जिसे सुन
शिराओं में रक्त की गति
अनायास ही तीव्र हो जाती है !
क्यों गुज़रे पलों के
फूलों से नाज़ुक एहसास
किसी भी हाल में
कभी मुरझाते नहीं !
क्यों भावनाएं हमेशा
बूढ़े होते जिस्म में भी
एक षोडशी की तरह
अल्हड़ और मासूम
ही बनी रहती हैं !
क्यों मन को महकाने वाली
मदमस्त मोहक खुशबू
सालों के इतने लंबे
अंतराल के बाद भी
कभी मंद नहीं पड़ती !
क्यों प्यार के भीगे जज़्बात  
बेरुखी और अवमानना की
आँच सहने के बाद भी
कभी शुष्क नहीं होते ! 
क्यों बढ़ती उम्र की झुर्रियाँ
मन की कोमल भावनाओं के
चहरों पर दिखाई नहीं देतीं !
क्यों वक्त का खुरदुरापन
हृदय की दीवारों पर अपने
निशाँ नहीं छोड़ पाता !
क्यों अंतर में प्रदीप्त
प्यार की प्रखर लौ
किसी आँधी किसी
तूफ़ान के आगे
कभी बुझती नहीं !
क्यों दिल हज़ारों सदमे
झेलने के बाद भी   
हताश हुए बिना
ताउम्र यूँ ही बेसबब 
धड़कता रहता है !
क्योंकि यह प्यार है
और प्यार का कभी
दमन नहीं होता !  

साधना वैद  

15 comments :

  1. क्योंकि यह प्यार है
    और प्यार का कभी
    दमन नहीं होता !

    इसके बाद कहने को कुछ बचा ही नहीं :)

    ReplyDelete
  2. आपने सही कहा साधना जी ....ये प्यार ही है ...
    बहुत सार्थक भावाभिव्यक्ति....

    ReplyDelete
  3. यही तो प्यार है ..सार्थक भावाभिव्यक्ति..

    ReplyDelete
  4. प्यार तो प्यार ही है |एक सशक्त रचना |
    आशा

    ReplyDelete
  5. ख्वाहिशों की उम्र बढती है उसकी तीव्रता में
    फिर वह थक जाती है
    चलती है,पर एक दर्द लिए ,,,,,,,,

    प्यार तो अथाह समंदर है,लहरों का वेग मन की अतल गहराइयों से
    बार बार निरंतर रहता है

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति.....

    ReplyDelete
  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति.....

    ReplyDelete
  8. वाह! लाजवाब लेखन | आनंदमय और बहुत ही सुन्दर, सुखद अभिव्यक्ति विचारों की | पढ़कर प्रसन्नता हुई | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

    ReplyDelete
  9. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.

    ReplyDelete
  10. क्योंकि यह प्यार है
    और प्यार का कभी
    दमन नहीं होता !
    गहनता लिये उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ....
    सादर

    ReplyDelete
  11. ख्वाहिशें उम्र की मोहताज नहीं होतीं .... बहुत सुंदर रचना ।

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार के "रेवडियाँ ले लो रेवडियाँ" (चर्चा मंच-1230) पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  13. क्यों प्यार के भीगे जज़्बात
    बेरुखी और अवमानना की
    आँच सहने के बाद भी
    कभी शुष्क नहीं होते ! ...kyonki yahi pyaar hai .....sacchi bat ...

    ReplyDelete
  14. और प्यार का कभी
    दमन नहीं होता !
    ........उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति बहुत सुंदर रचना ।

    ReplyDelete