जानती हूँ
तेरी प्यास अनंत है
लेकिन नन्हे नादान
क्या करेगा तू जब
अपनी विपुल प्यास को
बुझाने के लिये तुझे
बूँद भर पानी भी
नसीब न हो सके !
तृषित ह्रदय चातक की
तरह
तू भी बड़ी आस लिये
अपनी चोंच खोल
नल के नीचे आ बैठा है !
लेकिन बावरे पंछी
ओस के चाटे क्या
प्यास बुझ सकती है ?
तू भी बड़ी आस लिये
अपनी चोंच खोल
नल के नीचे आ बैठा है !
लेकिन बावरे पंछी
ओस के चाटे क्या
प्यास बुझ सकती है ?
क्या करेगा तू जब
स्त्रोत ही सूख गया हो !
स्त्रोत ही सूख गया हो !
इतनी ज़रा सी बूँद तो
तेरे विदग्ध ह्रदय
की
आँच से वाष्पित हो
तेरे शुष्क कंठ तक
पहुँचने से पहले ही हवा
में
विलीन हो जायेगी !
मुझसे तेरी यह विकलता
देखी नहीं जाती !
बस इतना ही कह सकती
हूँ
दुनिया का कदाचित
यही दस्तूर है
और समझौते के अलावा
कोई और उपाय नहीं है
!
लेकिन मात्र समझौता
करने से ही तो साँसे
मोल नहीं ली जा
सकतीं !
है ना ?
नन्हे परिंदे
इन सूखे नलों से
अमृतधारा के बहने
की प्रत्याशा
निर्मूल है !
तेरा जीवन अनमोल है
पंछी !
जीवन रक्षा के लिये
तुझे कोई और ठिकाना
ढूँढना ही होगा !
जहाँ तू जी भर पानी
पीकर
अपने शुष्क कंठ को
तर कर सके
और तृप्त भाव से
एक ऐसी मीठी तान भर
सके
जिसे सुन कर
सारा संसार झूम उठे
!
साधना वैद
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