अचूक वार
किये एक तीर से
कई शिकार
फुस्स हो गया
आतंकी कारोबार
कड़ा प्रहार
मन में खोट
बाँटे थे जाली नोट
आतंकी चाल
जनता खुश
काले धन पे गाज
नेता नाराज़
मन में चोर
नेता जी बौखलाएं
हल्ला मचाएं
तुरुपी वार
चित्त एक बार में
सारे मक्कार
मन में आस
सूर्योदय सा भास
मुख पे हास
लम्बी कतार
घंटों का इंतज़ार
सब भूलेंगे
जब मिलेगा न्याय
साधना वैद
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