प्रेम का धागा
विश्वास के मनके
रिश्तों की माला
प्रेम के गीत
अधरों पे थिरके
फैला सौहार्द्र
प्रेम की वर्षा
नाचे मन मयूर
भीगा जीवन
प्रेम हो ऐसा
जैसे चाँद चकोर
मन विभोर
प्रेम हो ऐसा
जैसे अम्बर धरा
खालिस खरा
प्रेम हो नैया
विश्वास पतवार
तुम्हारा साथ
अनन्य प्रेम
उर में छिपा जैसे
सीप में मोती
प्रेम का दीप
आलोकित करता
जीवन पथ
भीग गयी मैं
नख से शिख तक
प्रेम रंग में
प्रेम की नदी
नफरत की पौध
बहा ले चली
साधना वैद
No comments :
Post a Comment