ज़िंदगी की राहों में
अहसासों की पगडंडी
पर
पैर धरती मैं
जाने कब से चल रही
हूँ
चलती ही जा रही हूँ !
मेरे तलवों ने
इन अहसासों की छुअन
को
खूब पहचाना है !
चलते चलते राह में भूले भटके
कभी फूलों की नर्म
नाज़ुक रेशमी सी
पाँखुरियाँ बिखरी
मिलीं
तो कभी बारिश से
भीगी माटी का
सौंधा सा स्निग्ध
शीतल स्पर्श मिला !
कभी चंचल पवन सा अल्हड़
मखमली अहसास मिला
तो कभी पैने नुकीले काँटों
की
तीखी चुभन मिली
जिन्होंने
मेरे तलवों को इतना रक्तरंजित
कर दिया कि दो कदम
भी
चलना मुश्किल हो गया
!
मेरे भाल पर किस्मत
ने शायद
चुभन, दर्द, पीड़ा,
और दुःख भरे
अहसासों का लेखा बड़ी
तबीयत से
दिल खोल कर लिखा था !
काँटों से छलनी हुए
तलवों से
छलछला आये रक्त
बिन्दुओं से
मैं अहसासों की इस
पगडंडी पर
आने वाली पीढ़ियों के
अनुसरण करने के लिए अपने
पद चिन्ह छोड़ती जा
रही हूँ !
हर पद चिन्ह के पीछे
अहसासों का एक बेहद घना
जंगल है
जिसके अपरिमित
विस्तार में
प्रवेश करना और फिर
बाहर आ जाना
किसी चमत्कार से कम
नहीं !
सोचती हूँ जिनके
अहसास
सिर्फ और सिर्फ बड़े ही
नर्म,
बड़े ही मधुर, बड़े ही
कोमल होते हैं
वे अनुसरण करने के
लिए
कौन से चिन्ह छोड़ते
होंगे !
चित्र - गूगल से साभार
साधना वैद
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (21 -07-2019) को "अहसासों की पगडंडी " (चर्चा अंक- 3403) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे ! 21 तारीख को रविवार है !
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर अहसासों की पखडंडी प्रस्तुत की है आपने जिसके पदचिन्हों पर आनेवाली पीढ़ी अपना रास्ता आसानी से ढूंढ कर प्रगतिशील रहेगी
ReplyDeleteहार्दिक आभार शकुन्तला जी ! स्वागत है आपका !
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२२ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद केडिया जी ! आभार आपका !
ReplyDeleteआपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद अनुराधा जी ! आभार आपका !
ReplyDeleteयाद रखने लायक रचना ...शुभकामनायें !!
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद संजय ! आभार आपका !
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